अगर आप भी हेल्थ कॉन्शस हैं और खाना बनाने के लिए इम्पोर्टेड और महंगे ऑलिव Oil का इस्तेमाल करते हैं तो अब आपको अपनी ये आदत बदल देनी चाहिए। जल्द मार्केट में आने वाला है ऑलिव Oil से भी हेल्दी और सस्ता मूंगफली का तेल।
खान-पान की आदतों में बदलाव और पश्चिमी देशों के बढ़ते प्रभाव के कारण भारत में भी पिछले कुछ सालों में महंगे ऑलिव ऑइल का इस्तेमाल बढ़ने लगा है लेकिन आने वाले दिनों में मूंगफली का सस्ता तेल, ऑलिव ऑइल की छुट्टी कर देगा क्योंकि देश के कृषि वैज्ञानिकों ने मूंगफली की ऐसी वैरायटी विकसित की है जिसमें ऑलिव यानी जैतून से कहीं ज्यादा ओलिक ऐसिड पाया जाता है।
मूंगफली की नई वैरायटी में 80% तक ओलिक ऐसिड
वैज्ञानिक बताते हैं कि ओलिक ऐसिड कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है और इसे गुड फैट ऐसिड माना जाता है। ऑलिव ऑइल में इसकी मात्रा 74 फीसदी तक होती है इसलिए इसे सेहत के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत गुजरात के जूनागढ़ स्थित मूंगफली अनुसंधान निदेशालय के वैज्ञानिकों ने मूंगफली की ऐसी वैरायटी विकसित की है जिसमें 78 से 80 फीसदी तक ओलिक ऐसिड पाया जाता है। जूनागढ़ मूंगफली अनुसंधान निदेशालय के निदेशक टी. राधाकृष्णन ने कहा, मूंगफली की दो नई प्रजातियां, गिरनार-4 और गिरनार-5 विकसित की गई हैं जिनमें ओलिक ऐसिड की मात्रा 78-80 फीसदी है, जबकि ऑलिव ऑइल में ओलिक ऐसिड अधिकतम 74 फीसदी होता है।
गिरनार-4 और गिरनार-5, मूंगफली की 2 नई वैरायटी
मूंगफली की गिरनार-4 और गिरनार-5 वैरायटी को इसी साल आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में जारी करने के लिए वराइटल आइडेंटिफिकेशन कमेटी ने चिन्हित किया। नई वैरायटी में ओलिक ऐसिड 80 फीसदी, जबकि लिनोनिक ऐसिड 2 फीसदी और पालमिटिक ऐसिड 6 फीसदी है। इस लिहाज से ऑलिव ऑइल से मूंगफली का तेल आने वाले दिनों में ज्यादा उपयोगी साबित होगा।
मूंगफली की इन दोनों वैरायटी को अभी सेंटर में उगाया जा रहा है लेकिन इन्हें अधिसूचित किए जाने के बाद ही किसानों को बीज मुहैया हो पाएगा। दिसंबर तक इन दोनों वैरायटी को अधिसूचित कर दिया जाएगा।
इम्पोर्टेड ऑलिव ऑइल जितना फायदेमंद मूंगफली का तेल
मूंगफली की आज जो सामान्य वैरायटी हैं जिनकी खेती देशभर में की जाती है उसमें ओलिक ऐसिड की मात्रा 40-50 फीसदी होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के जर्नल ऑफ अंडरग्रेजुएट रिसर्च ऐंड इनोवेशन में 2016 के अंक में प्रकाशित एक शोध पत्र में कहा गया है कि इम्पोर्टेड ऑलिव ऑइल और देश में उत्पादित मूंगफली का तेल दोनों में उच्च स्तर का मोनो अनसैच्युरेटेड फैटी ऐसिड (एमयूएफए) और पर्याप्त मात्रा में लिनोलिक व लिनोलेनिक ऐसिड जैसे जरूरी फैट ऐसिड पाए जाते हैं और ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। शोधपत्र में हालांकि दोनों में कौन सा तेल बेहतर है, इस पर भारतीय परिप्रेक्ष्य में मूंगफली के तेल को बेहतर माना गया है और इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि मूंगफली का तेल ऑलिव ऑइल के मुकाबले सस्ता और पोषण की दृष्टि से अच्छा है।
ऑलिव ऑइल 400रु/लीटर, मूंगफली का तेल 110रु/लीटर
विशेषज्ञ बताते हैं ऑलिव ऑइल के मुकाबले मूंगफली का तेल सस्ता भी है, इसलिए खाने में व अन्य औद्योगिक उपयोग में आने वाले दिनों में लोग इसे ज्यादा पसंद करेंगे। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खाने में इस्तेमाल होने वाले ऑलिव ऑइल की कीमत कम से कम 400 रुपये लीटर है जबकि मूंगफली का तेल 110 रुपये लीटर मिलता है।
-एजेंसियां
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