बहाव खतरे के निशान से ऊपर बहने से नोकरियो की आई बाढ़, न्यू इंडिया के युवाओं को घर से पकड़-पकड़ कर दी जा रही नॉकरियाँ

अन्तर्द्वन्द

न्यू इंडिया में योग्य अयोग्य सबको जबरन दी जा रही मन माफ़िक़ नॉकरियाँ

सरकार युवाओं को घरों से पकड़-पकड़ कर दे रही नॉकरियाँ

यूथ इंडिया में ख़ुसी से हंसते हंसते पागल से हो जाएंगें युवा

सरकार की यही अदा तो कर देती है युवाओं को घायल

न्यू इंडिया में अजब तनाशाही चल रही हैं,अब योग्य अयोग्य सबको जबरन घरों से पकड़-पकड़ कर नॉकरियाँ दी जा रही हैं। युवा ख़ुसी से हंसते हंसते ही पागल हो गए हैं। सरकार की यही अदा तो युवाओं को घायल कर देती है। नोकरियो की बाढ़ आई हुई है और उसका बहाव खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। मैरे दोस्त के पास रोज़ जॉइनिंग की कॉल आती है, फ़ोन उठा,-उठाकर परेशान हो गया हैं, हाल ये हो गया कि वो कहते है पहले सैलरी ले लो फिर जॉइन कर लेना, वहाँ पहुँचो तो एक जॉब के साथ दूसरी भी देने लगते है, ये कोई तरीका है, कोई सिस्टम ही नही, बंदा एक ही जॉब कर सकता है। दोस्त के दादा जी के पास फोन आया कि आप जॉब कर ले, उन्होने कहा कि मै बूढ़ा हो गया हूँ तीस साल पहले रिटायर हो चुका हूँ। वो लोग बोले तो क्या हुआ,आप ऑफिस में बैठे रहिएगा, तो दोस्त के दादा जी बोले मैं जिस डिपार्टमेंट में काम करता था वो अब बंद हो चुका है, दोस्त के दादा जी टाल रहे थे, लेकिन वो अड़े थे कहने लगें, बुढ़ापे वाला एक अलग से डिपार्टमेंट बना देंगे। दोस्त के दादा जी ने जवाब में कहा मेरे घुटनो में दर्द रहता है मैं ऑफिस तक नही आ पाऊंगा, फिर भी उनके पास इसका हल था कहने लगे वर्क फ्रॉम होम। दोस्त के दादा जी ने कहा लैपटॉप नही चला पाते, ये कहकर फोन रख दिया। कुछ देर बाद फिर फ़ोन आया कि आप अपने पोते का आधार अपने साथ लिंक कराकर लगा दे, पोते को जॉब दे दी जाएगी, और वो जो काम करेगा वो आपका भी काम माना जाएगा।आखिरकार दादा को मानना पड़ा। मोदी जी नोकरियाँ देने के मामले में जरा भी भेदभाव नही कर रहे है और फिर भी लोग कहते कि सरकार भेदभाव करती है। युवाओं को शादी के लिए स्वम् देश विदेश से रिश्ते आ रहे हैं,ऐसे में तो सारी जनता प्रदेश से पलायन कर जाएगी या खुशी की अधिकता से हार्ट अटैक हो जाएगा,कितना कम काम और कितनी अधिक सैलरी, युवा पैसा कहाँ रखेंगे, इतना पैसा कैसे खर्च करेंगे लोगों के सामने अब भारी समस्या हैं। वही, इस हिसाब से तो 30 दिन में 900 लाख, 1 साल में 10800 लाख और 4 साल में 43200 लाख , पता नही कि हमारे प्रदेश की जनसंख्या कितनी है। सभी को एक बार में ना जाने कितनी नौकरी मिल गई होगी। यानी सिर्फ पिछले 30 दिनों मे 9 करोड़ नॉकरियाँ मिली। जिस देश मे 600 करोड़ मतदाता मोदी जी को वोट देते है, वहाँ 30 लाख नोकरी प्रतिदिन बहुत बड़ी बात है,अब तो 15 लाख जमा हो गए,कई काम आम जनता की सोच के बाहर के होने लगे है। अर्थ व्यवस्था 5 ट्रिलिनयन के करीब है और क्या चाहिए भाई। मतलब नोकरियो की बाढ़ आई हुई है और उसका बहाव खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। एक प्रदेश में तो हड़कंप मचा हुआ है, प्राइमरी स्कूलों के बाहर वैन खड़ी होती हैं जो बच्चों को उठा उठाकर उन्हें SDM, SHO बना रही है हॉस्पिटल के वार्ड से भी कुछ बच्चों के गायब होने की खबर है,जो पेंशन लेकर ही घर लौटेंगे बिहार,मप्र भी अब चपेट में आ सकते हैं। अभी तो आलम ये है की लोग कम पड़ रहे हैं नौकरी के लिये, इसलिए बिहार, बंगाल, झारखंड मध्य प्रदेश राजस्थान तक से लोगों को नौकरी विद अकॉमेडेशन दे रहे हैं। एक युबक आज सुबह घर से निकला था बाजार सब्जियां लेने के लिए अचानक 2 लोग सामने आते हैं नाम पूछते हैं पता पूछते हैं उसके बाद सामने एक सफेद सी गाड़ी रूकती है उसे जबरदस्ती बैठाया जाता है उसके सवाल करने पर उसको कहा लेे जा रहे हैं तो उसे बताया गया कि तुम्हें नौकरी दी जाएगी किसी तरह वो जान बचाकर घर भाग गया और दरवाज़ा बन्द करके घर में छुप गया आज तो वो बच गया। फिर भी देश के कई लोग विदेशों में कुर्सियां और चटाइयाँ घूम घूम कर बेच रहे हैं। इनको सरकारी नौकरी से नफरत क्यों है??

सरकार को रिपोर्ट करो, वहां नौकरी के लिये आदमी नहीं मिल रहे है। खैर,युवा ख़ुसी से हंसते हंसते ही पागल हो गए हैं। सरकार की यही अदा तो युवाओं को घायल कर देती है। अब तो हद ही हो गई युवाओं के रिश्तेदारों को भी देस यात्रा का सरकारी पैकेज देने का आफर किया है, जिससे युवा नौकरी ज्वाईन करने को राजी हो जाए। मोदी जी अब अमेरिका के साथ कम्पीटिशन पर उतर आए हैं। हमारे एक और मित्र यादव जी को भी कल ज़बरदस्ती पकड़कर पाँच नौकरी दे दी बड़ी मुश्किल से उन्होंने वापस की, ये कहकर की भाई मेरे पास ऑलरेडी हैं। अभी तो आलम ये है की देश में लोग कम पड़ रहे हैं नौकरी के लिये, इसलिए विदेशों तक से लोगों को नौकरी विद अकॉमेडेशन दे रहे हैं। लाखों रोजगार में ग्रेड वन ऑफिसर इत्यादि के कार्य सम्मिलित हैं। इसके चलते 365 नौकरी तो हमारे पड़ोसियों ने पकड़ रखी हैं सिर्फ़ एक दिन तो शकल दिखानी पड़ेगी। जानकारों का कहना हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को अब नॉकरियाँ की सीमा निर्धारित करनी चाहिए। दुनिया गुलाबी हो गयी इतनी खुशहाली तो रामराज मे भी ना रहीं होगी जितनी मोदी जी के माध्यम से हमारे देश में झलक रही है। अब तो पड़ोसी देश वालों को भी रोजगार बांट देने चाहिए पुण्य मिलेगा। देश के युवा ख़ुसी से हंसते हंसते ही पागल हो गए हैं। सरकार की यही अदा तो युवाओं को घायल कर देती है। बस करो मोजी जी इतना एहसान मत करो एसे तो आप साल भर मे पूरी दुनिया को नौकरी पर लगा दोगें।

अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ,
मुझको यारो माफ करना मैं नशे में हूँ…!

संजय साग़र