जनता के दिल से लेकर संसद तक, और अब ग्लोबल मंचों तक — ये हैं रवि किशन शुक्ला

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गोरखपुर/मुंबई/नई दिल्ली: सिनेमा के परदे पर जब वे बोलते हैं, तालियाँ गूंजती हैं। संसद के भीतर जब वे सवाल करते हैं, तो सरकारें सजग हो जाती हैं। और जब वे जनता के बीच जाते हैं, तो लोग कहते हैं — “ये हैं हमारे असली नायक!”

हम बात कर रहे हैं बहुप्रतिभाशाली अभिनेता और गोरखपुर से लोकसभा सांसद रवि किशन शुक्ला की, जिनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त आज इतनी लंबी हो चुकी है कि खुद देश-प्रदेश का मीडिया उन्हें “संसद से बॉलीवुड तक नंबर वन” का खिताब दे चुका है।

 ‘सन ऑफ सरदार 2’ में नया अवतार, 25 जुलाई को होगी रिलीज़

फिल्मों में अपने तीखे संवाद और मजबूत परफॉर्मेंस के लिए पहचाने जाने वाले रवि किशन अब ‘सन ऑफ सरदार 2’ में एक बिल्कुल नए अवतार में नजर आएंगे। फिल्म 25 जुलाई 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है।

इसमें वे एक सरदार किरदार में नज़र आएंगे, जो दमदार, प्रभावशाली और एक्शन से भरपूर है। रवि किशन ने फिल्म के निर्देशक और को-स्टार अजय देवगन का विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा:

“बॉलीवुड ने मुझे फिर से अपनाया है, इसके लिए अजय देवगन का धन्यवाद। यह फिल्म मेरे लिए सिर्फ एक किरदार नहीं, संघर्ष के बाद मिली स्वीकृति का प्रतीक है।”

‘लापता लेडीज़’ से ऑस्कर तक की यात्रा

रवि किशन की पिछली चर्चित फिल्म ‘लापता लेडीज़’, जिसमें वे केंद्रीय भूमिका में थे, भारत की ओर से ऑस्कर 2025 के लिए आधिकारिक नामांकन बन चुकी है। यह उनके अभिनय के प्रति इंडस्ट्री के सम्मान और दर्शकों के प्रेम का प्रतीक है।

यह फिल्म सामाजिक विषयों को हास्य और संवेदनशीलता के साथ पेश करती है, जिसमें रवि किशन की भूमिका दर्शकों के दिल में घर कर जाती है।

राजनीति में भी सबसे आगे — सांसद रत्न सम्मान

सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि संसद में भी रवि किशन सबसे आगे हैं। 26 जुलाई 2025 को उन्हें ‘सांसद रत्न’ सम्मान से नवाज़ा जाएगा — उन्हें यह पुरस्कार सत्र में सर्वाधिक सवाल पूछने वाले सांसदों में शुमार होने के लिए मिल रहा है।

पिछले सत्रों में उन्होंने ड्रग्स, बेरोजगारी, फिल्म इंडस्ट्री में सुधार, गोरखपुर के विकास, MSME सेक्टर, रेलवे सुविधाएं, महिला सुरक्षा और डिजिटल ग्राम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर खुलकर प्रश्न किए और बहस में भाग लिया।

उनकी ऊर्जा, स्पष्टता और ‘डायलॉग डिलीवरी’ आज संसद में भी उतनी ही चर्चित है, जितनी पहले फिल्मों में हुआ करती थी।

आईफा अवॉर्ड से भी हुए सम्मानित

हाल ही में रवि किशन को IIFA अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया। यह पुरस्कार उनकी एक्टिंग जर्नी और कंटेंट ड्रिवन रोल्स के लिए दिया गया। OTT पर भी उनके प्रदर्शन ने लोगों को हैरान किया है।

“रंगबाज़” में उनका राजनीतिक किरदार,
“बिच्छू का खेल” में उनका ग्रे अंदाज़,
“खाकी: द बिहार चैप्टर” में एक जमीनी सिस्टम की झलक,
“द व्हाइट टाइगर” जैसे इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में भी उनका काम सराहा गया।

उनका डायलॉग — “कहानी में ट्विस्ट है सरकार!” आज भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता है।

गोरखपुर के लिए समर्पित, जनता के लिए प्रतिबद्ध

रवि किशन का दावा सिर्फ बॉलीवुड पर नहीं, बल्कि पूर्वांचल की जनभावनाओं पर भी है।

गोरखपुर से सांसद बनकर उन्होंने अपने क्षेत्र में:

रेलवे सुविधाओं में सुधार,
युवा रोजगार केंद्र की पैरवी,
सड़क व जलनिकासी योजनाओं में गति,
और फिल्म सिटी पूर्वांचल में लाने के प्रयास शुरू किए हैं।

उनकी कोशिश है कि पूर्वांचल सिर्फ गौरव की भूमि ही नहीं, संभावनाओं का केंद्र भी बने।

रवि किशन: नाम नहीं, अब एक प्रेरणा हैं

रवि किशन शुक्ला की कहानी सिर्फ एक सफल अभिनेता की नहीं, बल्कि एक साधारण परिवार से निकलकर राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले संघर्षशील बेटे की है।

“फिल्मों में जिन किरदारों को जिया, संसद में उन्हीं मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं — यही है रवि किशन की असली पहचान।”

वे साबित कर चुके हैं कि यदि आप अपने कर्म, जनता और संस्कृति के प्रति सच्चे हैं, तो हर मंच आपके लिए तालियाँ बजाता है।

-up18News