कोरोना वैक्‍सीन देने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू, स्‍वास्थ्यकर्मियों की लिस्टिंग

Health

नई दिल्‍ली। देश-दुनिया में कोरोना वैक्सीन की स्टोरेज और सप्लाई नेटवर्क पर भी तेजी से काम होने लगा है। भारत में केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्यों ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं तो उन स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्टिंग भी होने लगी है जिन्हें सबसे पहले कोरोना का टीका लगाया जाना है, वो भी बिल्कुल फ्री। इसके लिए एक ऐप तैयार किया जा रहा है। वहीं एक्सपर्ट्स स्टोरेज और सप्लाई के मामले में भारत की सीमाओं और समस्याओं को भी इंगित कर रहे हैं।

भारत में वैक्सीन ​स्टोरेज की क्या व्यवस्था

भारत में कोरोना वैक्सीन के स्टोरेजी की व्यापक तैयारियां हो रही हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्य उचित संख्या में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था कर रहे हैं। इसमें केद्र सरकार भी राज्यों की मदद कर रही है। महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि केंद्र ने चलते-फिरते रेफ्रिजरेटर, कूलर और बर्फ वाले बड़े-छोटे रेफ्रिजरेटर के साथ-साथ स्टोरेज कपैसिटी बढ़ाने के लिए 150 डीप फ्रीजर की व्यवस्था करने में मदद कर रही है। जिलों में मौजूदा भंडारण व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ वाले रेफ्रिजरेटर तैयार किए जा रहे हैं, सथ ही मैंटनेंस का काम भी चल रहा है।

​कितनी ठंड में होगा वैक्सीन का भंडारण

फाइजर ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन को -75°C±15°C में स्टोर करने की जरूरत होगी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘इसका मतलब है कि करोड़ों डोज को -90°C to -60°C के करीब तापमान में स्टोर करने के लिए फ्रीजर कपैसिटी बढ़ानी होगी।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके लिए दुनिया के किसी भी देश के पास तैयारी नहीं है।’ एक्पर्ट्स का कहना है कि कोरोना वैक्सीन महंगे होंगे और उनकी स्टोरेज और डिलिवरी की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती होगी।

4-5 करोड़ वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था

भारत में मौजूदा कोल्ड स्टोरेज की सामान्य क्षमता 4 से 5 करोड़ वैक्सीन डोज की है। दरअसल, भारत ने अपने यहां पोलियो वैक्सीन के भंडारण के लिए कोल्ड चेन तैयार किया है। पोलियो वैक्सीन के भंडारण के लिए -20°C तापमान की जरूरत होती है और 2°C से 8°C तापमान में इसका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है। एक्सपर्ट्स भारत में बिजली समस्या की ओर भी इशारा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ रेफ्रिजेशन कपैसिटी बढ़ाने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए बड़ी मात्रा में बिजली की भी जरूरत होगी। हालांकि, एक अनुमान यह भी है कि भारत में वैक्सीन की ढुलाई और उसे मैंटनेंस के लिए लॉजिस्टिक कपैबिलिटी और सूखे बर्फ की आपूर्ति जैसी समस्या नहीं आनी चाहिए।

दुनिया का क्या हाल

फाइजर ने पश्चिम के कुछ देशों की सरकारों के साथ अपनी कोविड वैक्सीन की सप्लाई की व्यवस्था कर रखी है। हालांकि, एशिया और अफ्रीका के ज्यादार देश उस वैक्सीन की तलाश में हैं जिसे सामान्य तापमान पर स्टोर किया जा सके। अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील, अर्जेंटिना, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की में फाइजर के वैक्सीन का फाइनल ऐनालिसिस नहीं हुआ है क्योंकि यह पहले 94 वॉल्युंटिअरों पर ही आधारित है। जब ट्रायल का आखिरी परिणाम आएगा तो संभव है कि वैक्सीन के प्रभाव में अंतर आ जाए।

हर व्यक्ति को लगेंगे वैक्सीन के दो डोज

दो कंपनियों- फाइजर और बायोएनटेक का कहना है कि वो इस साल के अंत तक 5 करोड़ वैक्सीन डोज सप्लाई कर देंगी और 2021 के आखिर तक 1.3 अरब डोज की सप्लाई हो जाएगी। हर व्यक्ति को दो डोज की जरूरत होगी। इसका मतलब है कि इस साल 2.5 करोड़ लोगों को जबकि अगले साल 65 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग जाएगा।

तैयार हो रहा है कोविन ऐप

भारत में उन स्वास्थ्यकर्मियों के रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल ऐप कोविन (Covin) तैयार किया जा रहा है जिन्हें पहले-पहल कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाएंगे। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक कोविन ऐप तैयार हो जाएगा और तब निजी और सरकारी संस्थानों के स्वास्थ्यकर्मी अपने-अपने डीटेल इस पर अपलोड करने लगेंगे। चूंकि हर व्यक्ति को वैक्सीन के दो डोज लगने हैं, इसलिए रजिस्टर्ड स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड ऐप से ट्रैकिंग की जाएगी।

बन रही है डॉक्टरों की लिस्ट

भारत सरकार के निर्देश पर इंडियन मेडिकल असोसिएशन उन प्राइवेट डॉक्टरों की लिस्ट तैयार कर रहा है जिन्हें कोरोना वैक्सीन लगाया जाना है। एसोसिएशन ने कहा कि महाराष्ट्र में ऐलोपैथी, होम्योपैथी, आर्युवेद के 2.50 लाख डॉक्टर हैं जिन्हें लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इन सभी डॉक्टरों को मुफ्त में कोरोना का टीका लगाया जाएगा। 13 अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया था कि राज्य में उन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा जो कोविड-19 के मरीजों के इलाज में लगे हैं, वो चाहे प्राइवेट अस्पताल के हों या फिर सरकारी के। लेकिन जब इंडियन मेडिकल असोसिएसन ने राज्य सरकार से संपर्क किया तो फैसला बदलकर प्राइवेट सेक्टर के सभी डॉक्टरों को मुफ्त टीका देने पर सहमति बन गई। प्राइवेट डॉक्टरों को 12 नवंबर तक अपने डीटेल जमा कराने हैं।

-एजेंसियां