अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बीच रिश्ते इन दिनों काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र पर अमेरिका लगातार चीन का पक्ष लेने का आरोप लगा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के मुद्दों के लिए नियुक्त अमेरिकी राजनयिक ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। हिरासत केंद्रों में प्रजनन पर बलपूर्वक नियंत्रण और यौन हिंसा की खबरों का हवाला देते हुए महिला मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजनयिक केली क्यूरी ने कहा कि ऐसे कृत्यों से व्यापक स्तर पर महिलाओं को शिकार बनाने की परिपाटी दिखती है।
शिनजियांग प्रांत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों का मुद्दा अमेरिका कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा चुका है। केली क्यूरी ने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उल्लंघन के इन गंभीर आरोपों के प्रति चिंतित नहीं है और इसकी जांच करने की इच्छा भी नहीं है।’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शिनजियांग की स्थिति पर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। संयुक्त राष्ट्र अर्थपूर्ण तरीके से वहां पहुंचने और जांच करने की मांग भी नहीं कर रहा है।
हालांकि, चीन शिनजियांग प्रांत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के आरोपों को खारिज करता रहा है। बता दें कि चीन की सरकार ने शिनजियांग में लगभग 10 लाख मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हिरासत में रखा है। इन सभी को हिरासत शिविरों में रखा गया है।
‘पिछले वर्ष ही संयुक्त राष्ट्र की नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति ने भी खुलासा किया था कि चीन ने 10 लाख से ज्यादा उइगर मुसलमानों को कथित तौर पर कट्टरवाद विरोधी गुप्त शिविरों में कैद रखा है और 20 लाख से अधिक मुसलमानों पर वैचारिक-धार्मिक बदलाव का दबाव बना रहा है। चीन का कहना है कि उन्होंने कानून के तहत व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लोगों को रखा है। साथ ही चीन का कहना है कि उनके आंतरिक मामलों में दूसरे देशों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
-एजेंसियां