Tesla को भारत की जरूरत, एलन मस्‍क ने निवेश की इच्छा जाहिर की

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एलन मस्क क्यों चाहते हैं रियायत

चीन की BYD दुनिया में ई-ऑटो की सबसे बड़ा उत्पादक कंपनी है। यह भारत में ई-कारें असेंबल करती है और अब निर्माण की योजना भी बना रही है। ऐसे में सवाल है कि मस्क की टेस्ला को BYD से ज़्यादा रियायत क्यों चाहिए? क्या मस्क भारत के इलेक्ट्रिक कार मार्केट को हल्के में ले रहे हैं?

टेस्ला अब रियायती आयात शुल्क नहीं चाहती, बल्कि कंपनी अब इलेक्ट्रिक कारों और बैटरी के उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन चाहती है। ये बैटरियां कैप्टिव यूज के लिए ही नहीं, बल्कि बिक्री के लिए भी होंगी। ऐसे डिजाइन किया जा सकता है कि सोलर और विंड एनर्जी स्टोर कर सकें।

इस तरह के निवेश का स्वागत है। लेकिन, भारत में पहले ही ई-ऑटो और बैटरी बनाने वालों को कई तरह की रियायत मिलती है। इसमें शामिल है – टैक्स ब्रेक, रियायती जीएसटी रेट, टैरिफ प्रोटेक्शन और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव। टेस्ला को भी वही रियायतें मिलें जो दूसरों को दे रहे हैं, ज़्यादा नहीं।

टेस्ला को भारत की जरूरत

दरअसल भारत को टेस्ला की उतनी जरूरत नहीं है, जितनी टेस्ला को भारत की है। टेस्ला लग्जरी ई-कार बनाती है। लेकिन भारत में इसकी सबसे सस्ती कार की कीमत भी करीब 30 से 35 लाख रुपये तक होगी। ऐसे में यह बाजार के एक बड़े हिस्से के लिए खरीद से बहुत दूर होगी। मार्केट में ऊपर का जो हिस्सा है। टेस्ला को वहीं पर प्रतिद्वंदियों जेसे मर्सडीज बेज आदि से टकराना होगा। यही वजह है कि अभी भारत का काम टेस्ला के बिना आसानी से चल सकता है। लेकिन टेस्ला एक ऐसे देश को नजरअंदाज नहीं कर सकती जहां की आबादी करीब 140 करोड़ हो और जहां लोग तेजी से अमीर हो रहे हों। इसे अभी भारत में ख़ुद को स्थापित करने की ज़रूरत है। टेस्ला बहुत समय तक इंतज़ार करने की ग़लती नहीं कर सकती कि बाद में फिर उसे पता चले कि वह बाज़ार की दिग्गज कंपनियों को उनकी जगह से नहीं हटा पाएगी।

Compiled: up18 News