एक गुमनाम नायक के लिए उत्सुकता बढ़ाती ‘मुखजात्रा’

क़िताब शुरुआत में आपको वह नहीं बताती जो उसे बता देना चाहिए था पर धुंध के पार की सुंदरता दिखाने के लिए यह आवश्यक भी था, नागेंद्र सकलानी के बारे में कुछ अधिक भी लिखा जा सकता था। किताब पढ़ आप शायद नागेंद्र सकलानी के बारे में और अधिक सामग्री खोजने लगें। क्या पता ‘सरदार […]

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क्यो न इस बार दीपावली पर कुछ बात घर की लक्ष्मी पर ही हो जाए…

इसमें उसकी रज़ामन्दी नही थी फ़िर भी मैंने उसे छू लिया! क्यों, क्योंकि मुझे स्वयं ही आत्मबोध हुआ कि वो तैयार है, क्यों बन गए हम इस तरह.  शायद हमारे विचारों के बीज ही इस तरह के बोए गए हैं. पढ़िए इस चिंतन को. पुरुषवादी समाज में जन्म ले हमारे विचार भी उसी तरह के बन […]

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