ओडिशा के आदिकवि सारलादास की महाभारत में है लोककथाओं का समावेश

संपूर्ण महाभारत अर्थात उसके सभी अठारह पर्वों के पहले पुनःकथन का श्रेय ओडिशा के आदिकवि सारलादास को जाता है। पंद्रहवीं सदी में लिखा गया यह महाभारत संभवतः मूल महाभारत से लंबा एकमात्र पुनःकथन है। अपने पुनःकथन में सारलादास ने मध्ययुगीन ओडिशा के खानपान, पहनावे और लोककथाओं का समावेश किया है। इसलिए सारला महाभारत में किरदार […]

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