व्यंग: अब झटका नहीं, हमें हलाल चाहिए, रोज-रोज की जगह एक बार में विपक्षियों के लफड़े का खात्मा चाहिए!

(हम किसी को भी देशद्रोही, नक्सली, आतंकवादी, सांप्रदायिक सौहार्द का दुश्मन, पाकिस्तानी एजेंट, बांग्लादेशी नागरिक यानी कुछ भी घोषित कर सकते हैं तो फिर झटका क्यों, हलाल क्यों नहीं? एक दिन, दो दिन, दस दिन देश- विदेश में निंदा होगी और क्या होगा? और हमने कब इसकी चिंता की है, जो अब करेंगे?) -विष्णु नागर […]

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