तवायफ़ों ने भी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई थी सक्रिय भूमिका

लोग उन्हें ‘कंजरी’ कहते थे मगर फिर सोलहवीं सदी में भारत पर 46 साल तक राज करने वाले मुग़ल बादशाह जलालउद्दीन अकबर ने उन्हें ‘कंचनी’ पुकारने का हुक्म दिया. शायर और इतिहासकार मोहम्मद हुसैन आज़ाद ‘सुख़नदान-ए-फ़ारस’ में लिखते हैं कि ‘कंजर और कंजरी हिंदी में नाचने-गाने वालों को कहते हैं. अकबर ने एक दिन ख़ुश […]

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