फ़िल्म ‘मिडिल क्लास लव’: कुल बनने के इस चक्कर में फूल बनते दर्शक

निर्देशक रत्ना सिन्हा की साल 2017 में आई फ़िल्म ‘शादी में जरूर आना’ के सत्तू और आरती शुक्ला से बॉलीवुड फिल्मों के प्रेमी आज भी परिचित हैं। यह फ़िल्म अपनी कहानी और कलाकारों के शानदार अभिनय की वजह से लोगों को काफी पसंद आई थी। रत्ना सिन्हा अपने निर्देशन में साल 2022 में एक और […]

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आर बाल्की का नया प्रयोग है फिल्म चुप

फिल्म समीक्षक इरीन थिरर ने न्यूयॉर्क डेली न्यूज़ अखबार के लिए साल 1928 में पहली बार फिल्मों को उत्कृष्ट, अच्छी, औसत, बुरी श्रेणी में बांटते हुए स्टार देना शुरू किया था। मनोवैज्ञानिक रोमांच से भरी फिल्म ‘चुप’ फूलों की दुकान वाले डैनी की कहानी है जो फिल्म समीक्षकों के इन्हीं स्टार्स से चिढ़ता है। फिल्म […]

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पारम्परिक रेडियो का नया अवतार है पॉडकास्ट

पॉडकास्ट पारम्परिक रेडियो का नया अवतार है, रेडियो प्लेबैक इंडिया जैसे पॉडकास्ट वर्षों से इस क्षेत्र में हैं. ये ऐसे लोगों के लिए एक अवसर है जो बड़े शहरों में जाकर खुद की कला को निखार नही सकते, पॉडकास्ट के जरिए कलात्मक लोगों के लिए अपने क्षेत्र के बड़े नामों से जुड़कर कुछ नया सीखने […]

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वेब सीरीज़ ‘लंदन फाइल्स- सीजन 1’: निर्देशक के नाम पर न जाइए, पहले एक नज़र ज़रा यहां डालिए…

निर्देशक सचिन पाठक को आज भी फ़िल्म दृश्यम के लिए याद किया जाता है पर वेब सीरीज़ ‘लंदन फाइल्स- सीजन 1’ में उन्होंने ऐसा काम नही किया, जिसके लिए लंदन फाइल्स को लंबे समय तक याद रखा जाए. वेब सीरीज- लंदन फाइल्स- सीजन 1 ओटीटी प्लेटफार्म- वूट निर्देशक- सचिन पाठक अभिनय- अर्जुन रामपाल, पूरब कोहली […]

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दुष्प्रचार के मैदान पर लड़ा जाता रूस-उक्रेन युद्ध

अगर हम इतिहास के पन्नों को उठा कर देखें तो विश्व के सामने पश्चिमी मीडिया द्वारा युद्ध से पहले यह नायक और खलनायक वाली जो छवि गढ़ दी जाती है, यही युद्ध का प्रमुख कारण भी बनती है या इसी की आड़ में युद्ध लड़ा जाता है। नायक और खलनायक के बीच हमेशा युद्ध होता […]

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उस्ताद और शागिर्द की खूबसूरत कहानी है ‘लपूझन्ना’

लपूझन्ना एक उस्ताद के लिए उसके शागिर्द की तरफ़ से लिखी खूबसूरत कहानी है। लेखक अपने बचपन की याद अब तक नही भुला सके हैं और उन यादों में लेखक का ख़ास दोस्त भी है, ये वो ख़ास दोस्त है जो हम सब की ज़िंदगी में कभी न कभी तो रहा ही है और उसको […]

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सेक्स एजुकेशन पर गहरी बात कर गई दीपिका की ‘गहराइयां’

ओटीटी पर फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद से फिल्मों के लिए केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सर्टिफिकेट की अहमियत कुछ ज्यादा नही रह गई है क्योंकि घर में बच्चों द्वारा मोबाइल पर क्या देखा जा रहा है, इसमें माता-पिता का नियंत्रण सीमित है। फ़िर भी ‘गहराइयां’ के दो दृश्य ऐसे हैं जिनके लिए फ़िल्म को ‘ए’ […]

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गांव बचाने के उद्देश्य पर केंद्रित है मास्साब की यह किताब…

लेखक चाहते थे कि पुस्तक प्रसारित हो तो देश में रोज़गारविहीन जन विरोधी विकास नीति पर देशव्यापी बहस छिड़ सकती है और हमारे द्वारा प्रस्तुत वैकल्पिक विकास नीति के पक्ष में जनमत बन सकता है। किताब पढ़ते और आज के युवाओं के हाल देख यह लगता है कि किताब को चर्चित करना आवश्यक है। पलाश […]

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एक गुमनाम नायक के लिए उत्सुकता बढ़ाती ‘मुखजात्रा’

क़िताब शुरुआत में आपको वह नहीं बताती जो उसे बता देना चाहिए था पर धुंध के पार की सुंदरता दिखाने के लिए यह आवश्यक भी था, नागेंद्र सकलानी के बारे में कुछ अधिक भी लिखा जा सकता था। किताब पढ़ आप शायद नागेंद्र सकलानी के बारे में और अधिक सामग्री खोजने लगें। क्या पता ‘सरदार […]

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खूब नाम कमाएगी ‘गहन है यह अन्धकारा’

समुद्र की लहरों की तरह ही किताब भी भावनाओं के उतार चढ़ाव से भरी पड़ी है, किताब पढ़ते ऐसा लगता है मानो लेखक पाठकों को ‘अश्विन’ की कैरम बॉल फेंक रहे हैं। इस लघु उपन्यास को एक बार पढ़, आप अमित श्रीवास्तव को फिर से जरूर पढ़ना चाहेंगे। हिंदी के प्रोफेसर प्रसिद्ध कवि शिरीष कुमार […]

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