केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ़्लूएंसर्स के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी उत्पाद का प्रचार करने वाले हर सिलेब्रिटी या इन्फ़्लूएंसर को ये बताना ज़रूरी होगा कि उन्होंने पैसे लेकर किसी प्रोडक्ट को एंडोर्स किया है या इसमें उनका कोई निजी हित शामिल है.
इस नियम का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और एंडोर्समेंट करने पर बैन भी लग सकता है. ये कार्रवाई कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत होगी.
इस कानून के तहत उत्पादकों, विज्ञापनदाताओं और प्रचारकों पर 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. लगातार दोषी पाए जाने पर ये जुर्माना बढ़कर 50 लाख रुपये तक किया जा सकता है. किसी भ्रामक जानकारी या उत्पाद को एंडोर्स करते पाए जाने पर 1 से 3 साल तक प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नए दिशानिर्देश भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए जारी लगातार प्रयासों के तहत जारी किया गया है.
नए दिशा-निर्देशों को जारी करते हुए कंज्यूमर अफ़ेयर्स सेक्रटरी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि भारत में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का बाज़ार 1,275 करोड़ रुपये का है जो 2025 तक बढ़कर 2800 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के बढ़ते बाज़ार को देखते हुए ये ज़रूरी हो जाता है कि वो ज़िम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करें.
Compiled: up18 News