QUAD देशों की मालाबार 2020 नैवल एक्सरसाइज शुरू, पूरी दुनिया की नजरें

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नई दिल्‍ली। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया साथ आकर मालाबार 2020 नाम से जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज कर रहे हैं। यह एक्सरसाइज मंगलवार (3 नवंबर) को शुरू हो गई। पहला फेज बंगाल की खाड़ी में 6 नवंबर तक चलेगा। इसके बाद दूसरा फेज नवंबर के मध्य में ही अरब सागर में होगा।

वैसे तो मालाबार एक्सरसाइज का यह पहला नहीं बल्कि 24वां मौका है। इस पर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजरें हैं। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में भारत के सैन्य टकराव और गतिरोध के बीच एशिया-पेसिफिक के चार लोकतंत्रों की इस एक्सरसाइज के जरिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश तो चीन को ही दिया जाएगा।

क्या है मालाबार 2020 एक्सरसाइज?

यह मल्टीलेटरल नेवल एक्सरसाइज है। युद्ध की परिस्थितियां बनाते हैं। इसमें शामिल देशों की नैवल फोर्सेस आपस में संघर्ष करती नजर आएंगी। इसकी शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका की नेवी ने की थी। फिर 2015 में जापान जुड़ा। इस साल ऑस्ट्रेलिया भी भाग ले रहा है।

24वें संस्करण में इंडियन नेवी (IN), यूनाइटेड स्टेट्स नेवी (USN) के साथ ही जापान मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी (RAN) शामिल हैं। पहला फेज विशाखापट्टनम में शुरू हुआ। पिछले साल मालाबार एक्सरसाइज जापान के तटीय क्षेत्र में हुई थी। कोविड-19 प्रोटोकॉल्स को देखते हुए ‘नॉन-कॉन्टेक्ट-एट-सी’ फॉर्मेट में एक्सरसाइज होगी।

इस बार क्या अलग और खास है?

एशिया-पेसिफिक के चार बड़े लोकतंत्र यानी क्वॉड्रिलेटरल कोलिशन QUAD के चारों सदस्य एक दशक से अधिक समय बाद पहली बार नैवल एक्सरसाइज के लिए साथ आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार एक्सरसाइज में भाग ले रहा है। पहली बार उसने 2007 में पश्चिमी पेसिफिक में जापान के ओकीनावा द्वीप पर हुई एक्सरसाइज में भाग लिया था।

सितंबर 2007 में विशाखापट्टनम में भारतीय, जापानी, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलियाई और सिंगापुर की नेवी ने जॉइंट एक्सरसाइज की थी। 2008 से ऑस्ट्रेलिया एक्सरसाइज से हट गया। जापान भी 2015 के बाद नियमित हुआ, जिससे यह एक्सरसाइज त्रिकोणीय होने लगी।

ऑस्ट्रेलिया का पार्टिसिपेशन महत्वपूर्ण क्यों है?

27 अक्टूबर को अमेरिका के साथ 2+2 डायलॉग के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम रूल-बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर पर सहमत हैं। इसमें अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में नेविगेशन की आजादी सबसे महत्वपूर्ण है। हमारा डिफेंस कोऑपरेशन इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध को देखते हुए इंडो-पेसिफिक रीजन में चार बड़ी नैवल फोर्सेस का पार्टिसिपेशन चीन को एक सख्त संदेश भेजेगा। सूत्रों ने पहले भी कहा था कि चीन ने हमेशा कोशिश की है कि मालाबार एक्सरसाइज को विस्तार न मिलें और ऑस्ट्रेलिया इसमें शामिल न हों।

इंडियन नेवी में सर्वोच्च पद से रिटायर हुए एक अधिकारी का दावा है कि यदि ऑस्ट्रेलिया को इस एक्सरसाइज में शामिल नहीं किया होता तो क्वॉड देशों की एकजुटता नहीं दिखती। कहीं न कहीं QUAD को अपनी पॉलिसी के केंद्र में चीन को रखना होगा। क्वॉड को औपचारिकताओं में पड़कर NATO होने की जरूरत नहीं है।

पिछले महीने एक वेबिनार में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि क्वॉड एक अच्छी व्यवस्था है। इससे न केवल हिंद महासागर में बल्कि अन्य सागरों में नेविगेशन की फ्रीडम की प्रेरणा मिलेगी। किसी महासागर पर किसी एक देश का प्रभुत्व या कब्जा न रहे, इसके लिए सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

दरअसल, क्वॉड देशों का प्रमुख एजेंडा है अंतर्राष्ट्रीय समुद्र में नेविगेशन को फ्री बनाए रखना। चीन इसमें अडंगे डाल रहा है। दक्षिण चीन सागर में जो भी चल रहा है, वह कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय समुद्र पर कब्जा करना और उसके जरिए अन्य देशों के फ्री नेविगेशन को रोकना ही उसका लक्ष्य है। इस वजह से क्वॉड ग्रुपिंग का महत्व बढ़ जाता है।

क्या भारत इन देशों के साथ कोई और भी नैवल एक्सरसाइज करता है?

पिछले कुछ महीनों में इंडियन नेवी ने जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नेवी के साथ मिलकर पैसेज एक्सरसाइज (PASSEX) में भाग लिया है। वह बेसिक एक्सरसाइज थी, जबकि मालाबार में युद्ध जैसी परिस्थितियों में एक्सरसाइज होती है। सितंबर में इंडियन नेवी ने रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के साथ PASSEX में भाग लिया था।

जुलाई में भारत ने अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ PASSEX का आयोजन किया था। इसमें USS Nimitz (निमित्ज) के रूप में दुनिया के सबसे बड़े वॉरशिप्स में से एक ने भाग लिया था। उस समय कैरियर स्ट्राइक ग्रुप दक्षिण चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन एक्सरसाइज कर हिंद महासागर क्षेत्र से गुजर रहा था। इसी तरह की एक एक्सरसाइज जून में जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ आयोजित की गई थी।

क्या खास है इस मालाबार 2020 के पहले फेज में?

मालाबार 2020 के पहले फेज में इंडियन नेवी की यूनिट्स अमेरीकन शिप (USS) जॉन एस मैक्केन (डायरेक्टेड मिसाइड डिस्ट्रॉयर), ऑस्ट्रेलिया (HMAS) के MH-60 हैलिकॉप्टर समेत बैलारात जहाज (लंबी रेंज का वॉरशिप) और जापान मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस शिप (JMSDF) ओनामी (डिस्ट्रॉयर) के साथ एसएच-60 हैलिकॉप्टर हिस्सा लेंगे।

एक्सरसाइज के पहले फेज में इंडियन नेवी का नेतृत्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट, रियर एडमिरल संजय वात्सायन करेंगे। इस एक्सरसाइज में इंडियन नेवी के डिस्ट्रॉयर रणविजय, वॉरशिप शिवालिक, ऑफशोर पेट्रोल शिप सुकन्या, फ्लीट सपोर्ट शिप शक्ति और सबमरीन सिंधुराज हिस्सा लेंगी। एडवांस्ड जेट ट्रेनर हॉक, लंबी रेंज का समुद्री पेट्रोल प्लेन पी-81, समुद्री पेट्रोल प्लेन डॉर्नियर और हैलिकॉप्टर भी इसमें हिस्सा लेंगे।

-एजेंसियां

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