मांसाहारी लोग मछलियों (Fish) के बहुत शौकीन होते हैं. मछली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है. अपने दोस्तों के संग पार्टी से लेकर पिकनिक तक लोगों का पसंदीदा मांसाहार मछली होती है. लेकिन मछली खाने वालों को लेकर एक बुरी खबर आई है. हाल ही में एक रिसर्च में पाया गया है कि अब मछलियां भी जहरीली होने लगी हैं.
अमेरिकी एनवायरमेंटल एजेंसी के स्टडी में पाया गया कि अमेरिका की झीलों और नदियों का पानी इतना दूषित हो चुका है कि मछलियां भी अब जहरीली हो रही हैं.
स्टडी में पाया गया कि मछलियों में खतरनाक रूप में PFAS पाया जा रहा है. इसे पर-एंड-पोलिफ्लोरोअल्काइल-सब्सटेंस कहते हैं. जिसका उपयोग 1950 के दशक से व्यापक रूप से उत्पादों को नॉनस्टिक और दाग, पानी और ग्रीस की क्षति के लिए प्रतिरोधी बनाने के लिए किया जाता है. ये मानव निर्मित रसायन हैं. इनका उपयोग नॉनस्टिक कुकवेयर, दाग प्रतिरोधी कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन आदि में किया जाता है. बहुत सारे अध्ययन में इसके खतरों के बारे में बताया गया है.
हर जगह दिखी मौजूदगी
खतरे की बात ये है कि जो जल स्त्रोत कारखानों या प्रदूषण रहित क्षेत्रों से दूर हैं उसमें भी PFAS पाया गया है. इसे फॉरएवर केमिकल भी कहा जाता है, क्योंकि यह कभी खत्म नहीं होता. स्टडी में पाया गया कि PFAS, सार्वजनिक जल प्रणालियों और निजी कुओं के माध्यम से देश के पीने के पानी में रिस गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि रसायन अब मछली, शंख, पशुधन, डेयरी जानवरों के शरीर में जमा होते जा रहे हैं जिन्हें लोग खाते हैं. डेटा का विश्लेषण करने वाले गैर-लाभकारी पर्यावरणीय स्वास्थ्य संगठन, एनवायरनमेंटल वर्किंग ग्रुप के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डेविड एंड्रयूज ने कहा कि मीठे पानी की मछलियों में पाए जाने वाले पीएफओएस का स्तर अक्सर प्रति ट्रिलियन 8,000 भागों से अधिक हो जाता है. जबकि EPA ने देश के पीने के पानी में के प्रति ट्रिलियन के केवल 70 भागों की अनुमति दी है.
-एजेंसी