उत्तर प्रदेश दिवस पर जानिए आखिर कैसे पड़ा राज्य का नाम उत्तर प्रदेश?

Cover Story

देश के अन्य राज्यों द्वारा स्थापना दिवस मनाये जाने का उल्लेख करते हुए नाईक ने कुछ समय पहले कहा था, ‘मुझे यकीन है कि विदेश में रह रहे सभी उत्तर भारतीय उत्तरप्रदेश दिवस मनाना शुरू करेंगे. ठीक उसी तरह जैसे वे राम नवमी और जन्माष्टमी मनाते हैं.’ अब तक राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को जानकारी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश की स्थापना कब हुई थी?

राज्य को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश या मध्य देश कहा जाता था. मुगल काल में इसे क्षेत्रीय स्तर पर विभाजित किया गया. उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन ऑफ नेम) ऑर्डर 1950 पारित किया. इसके तहत यूनाइटेड प्राविंसेज को उत्तर प्रदेश नाम दिया गया. उत्तर प्रदेश ने तब से अब तक तमाम बदलाव देखें. उत्तराखंड का गठन भी नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश को काटकर किया गया.

उत्तर प्रदेश का उदय आखिरकार कहां से होता है. ‘उत्तर प्रदेश की अधिसूचना 24 जनवरी 1950 को जारी हुई थी.’ प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि देश के 24 राज्यों में उनका स्थापना दिवस मनाया जाता था लेकिन उत्तर प्रदेश में हम नहीं मनाते थे.

आखिर 24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है उ0प्र0 स्थापना दिवस

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस को प्रत्येक साल 24 जनवरी को मनाये जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि यह दिन एक विशेष दिन होगा, जो उ0प्र0 राज्य को समर्पित होगा. इसके साथ ही एक कारण यह भी है कि 24 जनवरी 1950 से पहले उत्तर प्रदेश को यूनाइटेड व्राविंस के नाम से पहचाना जाता था, इस दिन ही उ0प्र0 को उसका नाम मिला था. यह वह दिन था जब उत्तर प्रदेश को अपना नाम मिला था.

उत्तर प्रदेश दिवस का इतिहास

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 24 जनवरी सन 1989 से महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीय लोग प्रत्येक वर्ष उ0प्र0 स्थापना दिवस मनाते हैं, जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था, राज ठाकरे के महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने विरोध जताया था. इस आयोजन के पीछे अमरजीत मिश्र का पूरा प्रयास था कि इसे उ0प्र0 में भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाये, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई.

इसके पश्चात जब उ0प्र0 के राज्यपाल राम नाइक बने तो फिर से अमरजीत ने राज्यपाल के सामने इस प्रस्ताव को रखा, जिस पर राज्यपाल ने निर्णय लेते हुए तत्कालीन समाजवादी सरकार के पास प्रस्ताव भेजा लेकिन किसी कारणवश वह सफल नहीं हो सका, जिसके उपरांत राज्य में योगी सरकार आने पर फिर से राज्यपाल रामनाईक द्वारा प्रस्ताव भेजा, जिसके पश्चात योगी सरकार द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का निर्णय लिया गया.

Compiled- up18 News