जानिए! किन-किन ऐतिहासिक क्षणों का गवाह बनी 12 जून

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जून के महीने में भारत की आबोहवा इस कदर गर्म और तपिश से भरी होती है कि सब कुछ खौलने सा लगता है, लेकिन 1975 में देश की सियासत की तपिश इतनी ज्यादा थी कि उसने मौसम की गर्मी को भी पीछे छोड़ दिया। दरअसल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 जून 1975 के दिन देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव में सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल का दोषी ठहराते हुए उनके निर्वाचन को अमान्य करार दिया। यह मामला 1971 के लोकसभा चुनाव के सिलसिले में विपक्ष के नेता राजनारायण ने दाखिल किया और अदालत ने इंदिरा गांधी को चुनाव में अनुमति से ज्यादा धन व्यय करने और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का दोषी पाया और उनके किसी भी राजनीतिक पद ग्रहण करने पर रोक लगा दी गई। हालांकि यह फैसला अमल में नहीं आया और इसके बाद का घटनाक्रम आपातकाल के काले दौर का गवाह बना।

1929: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के जुल्म का शिकार बनी यहूदी लड़की एनी फ्रेंक का जन्म। नाजियों की कैद के दौरान लिखी गई एनी की डायरी को बाद में किताब के रूप में छापा गया, जिसे दुनियाभर में खूब मकबूलियत मिली।

1962: अमेरिका में सान फ्रांसिस्को की खाड़ी में स्थित कड़ी सुरक्षा वाले कारागार एलकटराज से तीन क़ैदी भाग निकले। इस जेल को सुरक्षा के हिसाब से अकाट्य माना जाता था और यहां सबसे गंभीर अपराधों वाले कैदियों को रखा जाता था।

1964: अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले अश्वेत नेता नेल्सन मंडेला को सरकार के खिलाफ साजिश का दोषी ठहराते हुए उम्र क़ैद की सजा।

1972: महात्मा गांधी के जीवन पर आठ खंड का ग्रंथ लिखने वाले डी जी तेंदुलकर का निधन

1975: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव में सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल का दोषी पाया और उनके निर्वाचन को अमान्य करार दिया।

1998: भारत और पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण के कारण जी-8 के देशों द्वारा ऋण नहीं देने का निर्णय।

1999: पाकिस्तानी रक्षा बजट में लगभग 11 प्रतिशत की वृद्धि।

2001: सीमा मुद्दे पर भारत-बांग्लादेश वार्ता शुरू।

2002: बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत। इस दिवस का मकसद लोगों में बालश्रम को लेकर जागरूकता फैलाना था।

2007: ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों में सिख छात्रों को धार्मिक प्रतीक कृपाण रखने की इजाजत मिली।

-एजेंसियां