बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्‍या में पाक आतंकी भी शामिल: कश्‍मीर आईजी

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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कुलगाम में मारे गए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीन कार्यकर्ताओं से जुड़े मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच का एक पहलू यह भी है कि तीनों कार्यकर्ता अपने घर से इतनी दूर उस इलाके में क्यों गए थे। पुलिस ने माना कि यह हमला प्री-प्लान यानी पहले से की गई साजिश के तहत हुआ। इसके साथ ही हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान कर ली गई है। इनमे एक पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल है। आईजी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि आतंकियों की कार को बरामद कर लिया गया है।

कश्मीर के आईजी विजय कुमार आज यानी शुक्रवार को कुलगाम में उस जगह पहुंचे जहां आतंकियों ने तीनों लोगों की जान ली थी। इसमें कुलगाम बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन की भी मौत हो गई। विजय कुमार ने कहा कि इसके पीछे लश्कर ए तैयबा के आतंकी थे। इस हमले में लश्कर ए तैयबा के आतंकी नासिर अहमद, अब्बास शेख का नाम आया है। दोनों के अलावा तीसरा आतंकी पाकिस्तान का हो सकता है।

‘पूरी तरह से प्री-प्लान अटैक’

जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी का कहना है कि यह प्री-प्लान अटैक लग रहा है। गाड़ी का पीछा किया गया और फिर आतंकियों की ओर से गोली मारी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्पॉन्सर टेररिज्म है। वहीं से लोगों को धमकी दी जाती है और लोगों की हत्या करने का प्लान रचा जाता है। इस मामले में लोकल के तीन आतंकियों पर शक है, जिसमें अब्बास शेख, निसार शामिल है।

कार को पुलिस ने किया जब्त

आईजी विजय कुमार ने बताया कि हमले में तीन आतंकी शामिल थे। ये सभी आतंकी एक ऑल्टो कार में आए थे। कार को पुलिस ने जब्त कर लिया है। तीनों आतंकियों की पहचान कर ली गई है और पुलिस ने अपने तंत्रों को उनका पता लगाने के लिए लगा दिया है। जल्द ही हमलावरों को पकड़ा या फिर मार गिराया जाएगा।

तीन बीजेपी नेताओं की हुई है हत्या

जानकारी के अनुसार गुरुवार रात को आतंकियों ने बीजेपी युवा मोर्चा के नेता फिदा हुसैन तथा उसके दो साथियों पर हमला किया था। तीनों की मौत हो गई थी। उसके बाद आतंकी मौके से भाग गए। इन तीन हत्याओं के बाद पुलिस की तरफ से सुरक्षा को कड़ा किया गया है।

टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी

कुलगाम हमले में मारे गए भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन के पैतृक गांव में अंतिम यात्रा निकाली गई। कल कुलगाम के वाईकेपोरा में फिदा हुसैन और दो अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। नेताओं के परिजन गम और गुस्से में है।

जनाजे में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी है जो सबूत है कि ऐसे हमलों से कश्मीर डरने वाला नहीं। सरकार ने इसे कायराऩा हरकत ठहराते हुए कहा कि कातिल नहीं बचेंगे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के ही एक संगठन द रेजिजटैंस फ्रंट (TRF) ने ली है।

-एजेंसियां

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