आगरा: सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में लामबंद हुआ जैन समाज, प्रतिष्ठान बंद रख जताया विरोध

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आगरा: झारखंड सरकार की ओर से सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद से ही जैन समाज का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2 दिन लगातार धरना प्रदर्शन के बाद जैन समाज के लोगों ने आज अपने प्रतिष्ठानों को बंद रख झारखंड सरकार के फैसले का विरोध जताया। व्यापारियों ने कहा कि जैन समाज का हर व्यक्ति, हर बच्चा, हर महिला झारखंड सरकार के इस फैसले के विरोध में है।

आपको बताते चलें कि छीपीटोला क्षेत्र में जैन समाज के सर्वाधिक से संख्या में लोग रहते हैं। छीपीटोला मार्केट में जैन समाज के व्यापारियों की सर्वाधिक दुकाने हैं। आज सुबह इस मार्केट में सिर्फ सन्नाटा ही सन्नाटा नजर आया। क्योंकि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा था। इतना ही नहीं जैन समाज के व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर एक पेम्पलेट भी चस्पा किया, जिस पर लिखा हुआ था कि “सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में आज हमारा प्रतिष्ठान बंद रहेगा”।

अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने के बाद जैन समाज के व्यापारी प्रतिष्ठानों के बाहर ही बैठ गए। नारेबाजी के साथ-साथ झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में अपनी नाराजगी व्यक्त करने लगे। जैन समाज से जुड़े व्यापारियों का कहना था कि सम्मेद शिखर जैन मुनियों की तपोस्थली है। सम्मेद शिखर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। पारसनाथ पर्वत विश्व प्रसिद्ध है। हर साल लाखों जैन श्रद्धालु यहां आते हैं।

गिरिडीह स्टेशन से पहाड़ की तलहटी 14 और 18 मील दूर है। पहाड़ की चढ़ाई-उतराई और यात्रा करीब 18 मील की है। जैन धर्मशास्त्रों के अनुसार, जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों और अनेक संतों और मुनियों ने यहां से मोक्ष प्राप्त किया था। इसलिए यह ‘सिद्धक्षेत्र’ कहलाता है। जैन धर्म में इसे तीर्थराज अर्थात् ‘तीर्थों का राजा’ भी कहा जाता है। यह तीर्थ भारत के गिरिडीह के मधुबन क्षेत्र में स्थित है। इसे ‘पारसनाथ पर्वत’ के नाम से भी जाना जाता है। अगर सरकार ने इस तपोभूमि को पर्यटन स्थल घोषित किया या इस तपोभूमि से छेड़छाड़ भी हुई तो जैन समाज दो-दो हाथ करने को पूरी तरह से तैयार है।

जैन समाज के लोगों ने कहा कि जैन समाज अहिंसा प्रेमी समाज है। इसीलिए शांति तरीके से ही अपना विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आज जैन समाज के हर व्यापारी और बड़े व्यवसाई ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर झारखंड सरकार का विरोध जताया है। यह विरोध पूरे भारत में किया जा रहा है। अगर अब भी झारखंड सरकार जागी तो जैन सभा कोई बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो जाएगा।

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