पाकिस्तान को F-16 के लिए दिए पैकेज पर भारत ने जताया अमेरिका से कड़ा विरोध

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भारत सरकार का यह मानना है कि इससे दोनों देशों के संबंधों कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन दोनों देशों के संबंधों में असहजता आएगी। भारत के लिए परेशान करने वाली बात यह है कि अमेरिका ने भारत को इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में पहले से नहीं बताया। अमेरिका की घोषणा के बाद लू के साथ हुई सभी बैठकों में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया।

उन्हें यह बताया गया कि सरकार को उम्मीद है कि अमेरिका भारत के सुरक्षा हितों का ध्यान रखेगा। भारत ने अभी तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। वहीं अमेरिका की ओर से कहा गया है कि इस पैकेज में नई क्षमताएं, हथियार या युद्ध सामग्री शामिल नहीं होगी।

सरकार का मानना है पाकिस्तान के F-16 टारगेट पर भारत रहेगा। भले ही कुछ विमान बहुत पुराने हैं या ऑपरेशनल नहीं है। वहीं तालिबान का दावा है कि अल-जवाहिरी को मारने के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति देने के लिए पाकिस्तान को यह तोहफा अमेरिका की ओर से मिला है।

2018 में ट्रम्प प्रशासन ने आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन नहीं लिए जाने के कारण पाकिस्तान को सैन्य सहायता निलंबित कर दी थी। बाइडेन प्रशासन की ओर से इस फैसले को पलट दिया गया है। यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है जब यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के रुख को लेकर अमेरिका से कुछ मतभेद भी पैदा हुए हैं। अमेरिका के दबाव बनाए जाने के बाद भी भारत अपने स्टैंड पर कायम रहा।

-एजेंसी