2014 के एक केस में हाईकोर्ट का केजरीवाल को राहत देने से इंकार

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हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जो कोई बीजेपी को वोट करेगा, उन्हें खुदा भी माफ नहीं करेगा। बेंच का कहना था कि ऐसा करके केजरीवाल वोटर्स के मन में भय पैदा कर रहे थे। उन जैसी शख्सियत को ऐसा करना शोभा नहीं देता लिहाजा उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती। अदालत का कहना था कि केजरीवाल को पता था कि खुदा का नाम लेने से एक संप्रदाय विशेष को वोटर्स डाईवर्ट हो सकते हैं। बेंच ने ये भी कहा कि केजरीवाल ने जो कुछ कहा उसके पीछे एक रणनीति थी।

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2014 में Representation of the People Act, 1951 की धारा 125 के तहत केस दर्ज किया गया था। केजरीवाल ने कहा था कि जो कांग्रेस को वोट देगा मानना है कि ये देश के साथ गद्दारी होगी। जो बीजेपी को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा। ऐसा करना भी देश के साथ गद्दारी होगी। ट्रायल कोर्ट ने 6 सितंबर 2014 को मामले का संज्ञान लेकर केजरीवाल को समन किया था।

दिल्ली के सीएम ने इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया था, जिससे उन्हें राहत मिल सके। शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होकर राहत की गुहार करनी होगी। उसके बाद केजरीवाल ने अगस्त 2022 में एसीजेएम की कोर्ट में डिस्चार्ज के लिए याचिका दायर की थी। याचिका खारिज होने पर रिवीजन पिटीशन भी दाखिल की गई। राहत नहीं मिली तो दिल्ली के सीएम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। अदालत में केजरीवाल ने दलील दी कि उन्होंने धर्म या किसी और आधार पर वोटर्स को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की।

Compiled: up18 News