फ़्रांस ने भारत के समर्थन को लेकर शुक्रिया कहा है. भारत में फ़्रांस के राजदूत इमैनुएल लीनैन ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ दोनों देश एक साथ खड़े रहे हैं.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ कई इस्लामिक देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां की सरकारें भी राष्ट्रपति मैक्रों के ख़िलाफ़ हमला कर रही हैं. ऐसे में भारत ने फ़्रांस का समर्थन किया है और कहा है कि इमैनुएल मैक्रों पर निजी हमला अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा है कि फ़्रांसीसी शिक्षक की हत्या जिस तरीक़े से की गई वो पूरी दुनिया को हैरान करने वाला है. भारत इसकी कड़ी निंदा करता है. भारत ने फ़्रांसीसी शिक्षक को श्रद्धांजलि भी दी. भारत ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी तर्क के सहारे सही नहीं ठहराया जा सकता है.’
दूसरी तरफ़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने फ़्रांस को लेकर बढ़े विवाद के बीच दुनिया भर के इस्लामिक देशों के कथित इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ साथ आने की अपील की है. इमरान ख़ान ने इसे लेकर 28 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया था. इमरान ख़ान ने कहा है कि अब वक़्त आ गया है कि दुनिया भर के इस्लामिक देश इस मसले पर साथ मिलकर लड़ें.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भी फ़्रांस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया गया था.
पाकिस्तान की राजनीति से ही इस पर केवल प्रतिक्रिया नहीं आ रही है बल्कि फ़िल्मी हस्तियों और क्रिकेटरों के बीच से भी प्रतिक्रिया आई है.
पाकिस्तानी अभिनेता एहसान ख़ान ने कहा कि फ़्रांस की सरकार की प्रतिक्रिया उसके बुनियादी सिद्धांतों के उलट है. एहसान ख़ान ने ट्वीट कर कहा, ”अगर फ़्रांस वाक़ई एक गणतंत्र है तो किसी दूसरे मज़हब को अपमानित नहीं होने देना चाहिए. हम अपने पैग़ंबर के अनादर का स्पष्ट तौर पर विरोध करते हैं. इसे रोका जाना चाहिए.”
बांग्लादेश में भी मैक्रों को लेकर विरोध हो रहा है. फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने व्यंग्यात्मक फ्रेंच पत्रिका शार्ली हेब्दो में पैग़ंबर मोहम्मद पर छपे कार्टून का समर्थन किया था. तब से ही वो इस्लामिक देशों के निशाने पर हैं.
-BBC