क्या आप ब्लैक बजट के बारे में जानते हैं, आजाद भारत में एक बार किया जा चुका है पेश

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इस बार बजट देश में वेतनभोगी वर्ग, महिलाओं, कारोबारियों आदि सभी को काफी उम्मीदें हैं। बजट नए सुधार, नई योजनाएं और नए नियम देकर जाता है। साल 1997-98 में जो बजट पेश किया गया था उसे ड्रीम बजट कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है ब्लैक बजट के बारे में। आजाद भारत में अभी तक सिर्फ एक बार ही ब्लैक बजट पेश करना पड़ा है। आखिर क्या होता है ब्लैक बजट जिसे अभी तक एक बार पेश किया गया था। इसे क्यों और कब पेश किया गया था।

क्यों पेश किया गया था ब्लैक बजट

ड्रीम बजट के बारे में नाम से समझ में आता है। इसे जनता के सपनों का बजट कहते हैं। लेकिन साल 1973 में ब्लैक बजट को पेश किया गया था। दरअसल, ब्लैक बजट उसे कहते हैं जिसमें सरकार को खर्च में कटौती करनी पड़ जाए। इसे ऐसे समझिए अगर सरकार की आमदनी 100 रुपये हो और उसका खर्च 125 रुपये हो तो सरकार को बजट में 25 रुपये की कटौती करनी पड़ जाएगी। ऐसे में इसे ब्लैक बजट कहा जाएगा। बात साल 1973-74 की है। इस दौरान सरकार ने जो बजट पेश किया था वो 550 रुपये घाटे का था। ऐसा इसलिए था कि साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। ऐसे में देश में हालात काफी खराब हो गए थे। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। यह वो साल था जब मानसून भी अच्छा नहीं हुआ था। उस समय इंदिरा गांधी की सरकार थी। इन सभी हालातों की वजह से देश की कमाई कम और खर्चा ज्यादा हो गया था। देश की अर्थव्यवस्था का काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में उस समय के वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण को ब्लैक बजट पेश करना पड़ गया था।

क्या था ब्लैक बजट में

जब ब्लैक बजट पेश किया गया तो उसमें सामान्य बीमा कंपनियों, भारतीय कॉपर कॉरपोरेशन और कोल माइन्स के राष्ट्रीयकरण के लिए 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। हालांकि बजट में 550 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि कोयले की खदानों का राष्ट्रीयकरण किए जाने से काफी असर पड़ा था। कोल माइंस पर सरकार के नियंत्रण से मार्केट कॉम्पिटिशन खत्म हो गया था।

अंतरिम बजट में सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती

आमतौर पर देश में आम बजट ही पेश किया जाता है। ब्लैक बजट Black Budget आजाद भारत के इतिहास में अभी तक सिर्फ एक बार ही पेश किया गया है। आम बजट के अलावा निष्पादन बजट, शून्य-आधारित बजट और अंतरिम बजट भी बजट के प्रकार हैं। आम बजट को संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत संसद में पेश किया जाता है। अंतरिम बजट को अनुच्छेद 116 के तहत पेश किया जाता है। हालांकि अंतरिम बजट में सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है और न ही कोई नया टैक्स लगाती है।

Compiled: up18 News