बजाज ग्रुप के संस्‍थापक राहुल बजाज का निधन

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देश के जाने-माने इंडस्ट्रियलिस्ट और बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का आज पुणे में निधन हो गया। वे 83 साल के थे। बजाज लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर के श्रद्धांजलि दी “श्री राहुल बजाज जी को वाणिज्य और उद्योग जगत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए याद किया जाएगा। व्यवसाय से परे, वह सामुदायिक सेवा के प्रति उत्साही थे और एक महान संवादी थे। उनके निधन से आहत हूं। उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं। ॐ शांति।”

 

राहुल गाँधी ने ट्वीट करके शोक जताया “राहुल बजाज का जाना भारत के लिए एक बड़ी क्षति है। हमने एक दूरदर्शी को खो दिया है जिसके साहस ने हमें गौरवान्वित किया। मेरा प्यार और उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदना।”

उन्होंने आज दोपहर 2:30 बजे अंतिम सांस ली। बजाज ग्रुप में इस पर अपना बयान जारी करते हुए लिखा कि ” हमें बेहद ही दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि “स्वर्गीय रूपा बजाज के पति और राजीव/दीपा, संजीव/शेफ़ाली और सुनैना/मनीष के पिता श्री राहुल बजाज का निधन हो गया है। उन्होंने 12 फरवरी 2022 को अपने परिवार और करीबी संबंधियों की उपस्थिति में अंतिम सांस ली।

 

राहुल बजाज को निमोनिया था और दिल की भी समस्या थी। रूबी हॉल क्लिनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ पुरवेज ग्रांट ने कहा कि वह पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत में बेहतरी की कोशिश की जा रही थी लेकिन आज सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई।

 

राहुल बजाज ने पिछले साल अप्रैल में ही अपनी तबीयत का हवाला देते हुए बजाज ग्रुप के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन उनके चचेरे भाई नीरज बजाज कंपनी का कारोबार संभाल रहे हैं।

बजाज का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। बजाज और नेहरू परिवार में तीन जनरेशन से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे।

 

राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गई।

-एजेंसी