अभी तक आपने यही सुना होगा कि किसी इंसान पर मुकद्दमा चला या फांसी हुई या फिर जेल की सजा दी गई। 1906 में लंदन के डब्ल्यू हेनमन (W.Heinemann) प्रकाशन ने एक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसका नाम था The Criminal Prosecution and Capital Punishment of Animals। इस पुस्तक में उन घटनाओं का उल्लेख है जिसमें किसी अपराध के लिए जानवरों पर मुकद्दमा चलाया गया और कुछ मामले में फांसी दी गई। आइये हम ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं जिसका इसमें उल्लेख किया गया है…
सुअर को फांसी
1386 में एक नवजात शिशु की हत्या का एक सुअर को दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई। फांसी देने से पहले उसे ठीक अपराधी की तरह कपड़ा पहनाया गया, उसके चेहरे को मास्क से ढंक दिया गया।
फिर 14 जून, 1494 को फ्रांस में एक सुअर को गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप था कि पालने में खेल रहे बच्चे पर हमला किया, बच्चे के चेहरे और गले को खा गया और उसकी शकल बिगाड़ दी। मामला अदालत में गया और सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद जज ने उसे फांसी की सजा सुनाई बाद में उसे फांसी दे दी गई।
सांड को फांसी
1314 ईस्वी में एक सांड ने एक राहगीर पर हमला कर दिया था। हमले में राहगीर बुरी तरह घायल हो गया था। सांड पर मुकद्दमा चला और उसके बाद फांसी दे दी गई।
मुर्गे पर मुकद्दमा
1474 ईस्वी में एक मुर्गे पर अंडा देने का जघन्य और अप्राकृतिक अपराध का मामला दर्ज किया गया। स्विटजरलैंड के एक कोर्ट ने उसे जिंदा जला देने की सजा सुनाई।
जब चूहे पर चला मुकद्दमा
16वीं सदी में फ्रांस में चूहों पर जौ के खेत को नष्ट करने का आरोप लगा था। चूहों के खिलाफ कोर्ट में मुकद्दमा चला। चूहों की पैरवी एक वकील ने की। अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए उसने कहा कि उसका मुवक्किल गांव की बिल्लियों के डर से अदालत में हाजिर नहीं हो सकता है। इस मामले में चूहों को सजा नहीं हुई।
मैरी (हाथी) को फांसी
सितंबर 1916 में अमेरिका के टेनेसी राज्य में एक हाथी को फांसी दे दी गई। हाथी का नाम मैरी था। उसने एक सर्कस के दौरान अपने एक ट्रेनर की हत्या कर दी थी। ट्रेनर की हत्या के जुर्म में उसे अरविन, टेनेसी के करीब फांसी की सजा दी गई।
दीमकों पर मुकद्दमा
1713 में ब्राजील में दीमकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दीमकों पर चर्च की संपत्ति नष्ट करने के आरोप में मुकद्दमा चला।
-एजेंसियां
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.