नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2019-20 में शानदार प्रदर्शन किया। बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tofler के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में हरिद्वार की इस कंपनी का नेट प्रॉफिट 21 फीसदी बढ़कर 425 करोड़ रुपये रहा। आयुर्वेदिक दवाओं और एफएमसीजी गुड्स का कारोबार करने वाली इस कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 में कुल मुनाफा 349 करोड़ रुपये रहा था।
31 मार्च 2020 को वित्त वर्ष में पतंजलि का राजस्व पिछले साल की तुलना में 5.9% बढ़कर 9,023 करोड़ रुपये पहुंच गया। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का राजस्व 8523 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2019-20 में अन्य स्रोतों से पतंजलि की कमाई तीन गुना बढ़कर 65.19 करोड़ रुपये हो गई। 2018-19 में यह केवल 18.89 करोड़ रुपये थी।
तीन साल में सबसे अधिक बिक्री
पतंजलि की बिक्री तीन वर्षों में सबसे अधिक रही लेकिन यह कंपनी के बूम पीरियड की तुलना में कहीं नहीं ठहरती है। मार्च 2016 में खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व एक साल पहले की तुलना में 139 फीसदी बढ़कर 4,800 करोड़ रुपये पहुंच गया था जबकि मुनाफा 150 फीसदी बढ़त के साथ 772 करोड़ रुपये रहा था। मार्च 2017 में खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 86 फीसदी और मुनाफा 54 फीसदी बढ़ा था।
मार्च 2018 में खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा था। इस दौरान पतंजलि का राजस्व 9 फीसदी और मुनाफा 71 फीसदी घटा था। बाबा रामदेव के बिस्किट, नूडल्स, डेयरी कारोबार, सोलर पैनल, अपैरल और ट्रांसपोर्टेशन आदि का कारोबार पतंजलि आयुर्वेद के अंतर्गत नहीं आता है। इसके लिए उनकी एक अलग कंपनी है। पिछले साल दिसंबर में पतंजलि ने दिवालिया हो चुकी कंपनी रुचि सोचा को 4350 करोड़ रुपये में खरीदा था। रुचि सोया न्यूट्रीला ब्रांड से सोया फूड बनाती है।
-एजेंसियां
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