स्मार्टफोन का रेडिएशन बिगाड़ रहा है टीनएजर्स की याद्दाश्त

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मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क में लंबे समय तक रहने पर टीनएजर्स (किशोरों) के मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के याद्दाश्त संबंधी कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। ‘एन्वायरनमेंट हेल्थ पर्सपेक्टिव्स’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी दी गयी है।

अध्ययन में स्विट्जरलैंड के लगभग 700 किशोरों को शामिल किया गया, स्विस ट्रॉपिकल एंड पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट (स्विस टीपीएच) के वैज्ञानिकों ने संचार के बिना तार वाले उपकरणों के रेडियोफ्रीक्वेंसी विद्युतचुंबकीय क्षेत्र (आरएफ-ईएमएफ) में किशारों के रहने और उनकी याद्दाश्त के बीच संबंधों पर गौर किया।

अध्ययन में पाया गया कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से साल भर में आरएफ-ईएमएफ के संपर्क से किशोरों की याद्दाश्त पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

क्या है मोबाइल रेडिएशन

मोबाइल फोन रेडिएशन को गैर-आयनीकरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। गैर- आयनीकरण रेडिएशन विभिन्न प्रकार के विद्युत चुम्बकीय रेडिएशन को दर्शाता है। अगर इसे आसान शब्दों में कहें, इसका अर्थ है कि गैर- आयनीकरण रेडिएशन द्वारा ऊर्जा को किसी अन्य रूप में छोड़ा जाता है। यह अणुओं को आयनित नहीं करता है जो अधिक हानिकारक रेडिएशन प्रभाव पैदा कर सकता है।

गैर- आयनीकरण रेडिएशन के अन्य रूपों में माइक्रोवेव, रेडियो तरंगें और दृश्यमान प्रकाश (लाइट्स) शामिल हैं।

हम इस तरह के या इस तरह से होने वाले रेडिएशन को भी अवॉयड नहीं कर सकते हैं, इसके अलावा हम मोबाइल रेडिएशन को भी भी किसी भी रूप में अवॉयड नहीं कर सकते हैं।

मोबाइल रेडिएशन का आपके दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?

WHO ने ऐसा कहा है कि माइक्रोवेव भी मोबाइल फोन के जैसे ही रेडिएशन को छोड़ते हैं। एक माइक्रोवेव को इस्तेमाल करते हुए आप जिस चीज़ को गर्म करना चाहते हैं, उसे उसके ऊपर रखते हैं। ऐसा ही कुछ मोबाइल फोन के साथ भी होता है। यानी आप इस समय गैर- आयनीकरण रेडिएशन से प्रभावित हो रहे होते हैं।

आपको बता दें कई शोधों में ऐसा भी सामने आ चुका है कि अगर आप 50 मिनट तक निरंतर एक मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके दिमाग के सेल्स को प्रभावित कर सकता है। और अगर आप ऐसा निरन्त करते रहते हैं तो आपके दिमाग को भारी नुकसान हो सकता है।

मोबाइल फ़ोन रेडिएशन को लेकर WHO क्या कहता है

हालाँकि WHO ने पहले कहा था कि मोबाइल फ़ोन से होने वाले रेडिएशन से आपको किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। हालाँकि बाद में जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो मोबाइल फोन को लेकर WHO की धारणा या इस बिंदु को बदलने के लिए 31 वैज्ञानिकों को दुनिया भर से इकट्ठा किया। इस शोध में लगभग 14 देश शामिल हुए थे।

इसके बाद सामने आया कि जैसे एक घर में माइक्रोवेव से बड़े नुक्सान हो सकते हैं, वैसे ही एक मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से मनुष्य को कैंसर भी हो सकता है। अब तक, वैज्ञानिकों ने केवल दो प्रकार के कैंसर का निर्धारण किया है जो इन परिणामों से सीधे संबंधित होते हैं। और यह दो प्रकार के कैंसर Glioma और Acoustic Neuromas।

– एजेंसी