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शोध: कुत्ते से फैलती है जानलेवा बीमारी Hydatid cyst

Health

केजीएमयू (किंग जॉर्ज्स मेडिकल यूनिवर्सिटी) में जानलेवा बीमारी Hydatid cyst के तीन मरीज सामने आए हैं। यह बीमारी कुत्तों के संपर्क में आने से फैलती है। इसकी चपेट में आने से लिवर और फेफड़े में झिल्ली बन जाती है। झिल्ली फटने से इन अंगों के फेल होने की आशंका रहती है। इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ पाविया के सहयोग से हुए शोध में तीन मरीज सामने आने के बाद केजीएमयू ने इनका मुफ्त इलाज करने का फैसला किया है।

इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ पाविया लंबे समय से Hydatid cyst पर शोध कर रही है। केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के हेड डॉ. अभिनव अरुण सोनकर ने बताया कि पेरू, मोरक्को, बुल्गारिया, रोमानिया और अर्जेंटीना के बाद लखनऊ में शोध किया गया। यूनिवर्सिटी से 10 जून को आई डॉ. टॉमासो मंसुली, डॉ. फ्रांसेस्का तामारोजजी, डॉ. रफैला लिसंड्रिन, डॉ. मारिया टेरेसा जिओर्डानी और डॉ. रॉबर्टा नार्रा की टीम ने 22 जून तक केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग की ओपीडी और सरोजनीनगर पीएचसी में करीब 800 लोगों का पोटेवल अल्ट्रासाउंड किया।

इसके लिए टीम आधुनिक पोटेवल अल्ट्रासाउंड मशीन साथ लाई थी। इस दौरान तीन मरीज सामने आए। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मरीजों में बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे थे। अब इटली की टीम जांच के लिए इनके ब्लड सैंपल भी ले जा रही है।

तैयार होगा मरीजों का डेटा

डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि Hydatid cyst के मरीजों को डेटा विश्व में किसी के पास नहीं है। अभी तक पांच देशों में हुए शोध में सबसे ज्यादा मरीज पेरू में मिले हैं। शोध से यह पता लगाना है कि किन देशों के लोग बीमारी के चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। इससे मरीजों का डेटा तैयार होगा ताकि रोकथाम के लिए सरकार लोगों को जागरूक कर सके।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

हाथ धोकर खाना खाएं।
खाने को अच्छे से पकाएं।
कुत्तों से दूरी बनाकर रखें।
कुत्तों का समय-समय पर वैक्सीनेशन करवाएं।

सर्जरी ही आखिरी इलाज

डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि पूरी दुनिया में Hydatid cyst के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कुत्तों में सिस्टिक इचिनोकोक्स नाम का परजीवी होता है। कुत्तों के संपर्क में आने से यह इंसान तक पहुंचता है। शुरुआत में मरीज को इसका पता नहीं चलता और 6 हफ्ते में लिवर व फेफड़े पर झिल्ली बन जाती है। तत्काल इलाज न हो तो झिल्ली फटने से मौत भी हो सकती है। सर्जरी इसका अंतिम इलाज है। निजी अस्पतालों में करीब 4 लाख और केजीएमयू में 20 हजार आता है।

-एजेंसी