फादर्स डे मेरे लिए किसी भव्य उत्सव से कम नहीं: जीवांश चड्ढा

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मुंबई: फादर्स डे हमारे प्यार और देखभाल करने वाले पिताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए समर्पित है जो उनके बच्चों के असली सुपरहीरो हैं। जीवांश चड्ढा, जो वर्तमान में दंगल टीवी के रंजू की बेटियां में विक्की के रूप में दिखाई दे रहे हैं, अपने पिता, दीपक चड्ढा, के साथ मजेदार और साहसिक क्षण साझा करते हैं, और बताते हैं कि कैसे उनके पिता उनके बैकबोन हैं।

अपने पिता के बारे में बात करते हुए, वे कहते हैं, “फादर्स डे मेरे लिए किसी भव्य उत्सव से कम नहीं है। जीवन में मेरी महत्वाकांक्षाएं मेरे माता-पिता के इर्द-गिर्द घूमती हैं और मुझे सबसे बड़ी प्रेरणा मेरे पिता से मिलती है। उन्होंने मुझे सिखाया है कि जीवन क्या है और मेरा उद्देश्य उनके नक्शेकदम पर चलना है। बहुत सारी अद्भुत यादें हैं जो हम साझा करते हैं। मुझे आज भी वह दिन याद है जब वह अपने काम के लिए मुंबई जा रहे थे और मैं वास्तव में उन्हे विदा करने आया था, लेकिन मैं उनसे इतना जुड़ा हुआ था, मुझे याद है कि मैंने ट्रेन से उतरने से इनकार कर दिया था और मैं मुंबई चला आया।

अपने पिता के साथ बिताए एक पल को याद करते हुए वे कहते हैं, ”मुझे डैड के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बहुत अच्छा लगता है। जब मैं छोटा था, मुझे याद है कि हम एक पार्क में गए थे और मैं एक ड्रैगन झूले पर बैठा था। मेरे पिताजी को कहीं काम से जाना था और उन्होंने अपने दोस्त से मुझे घर वापस ले जाने के लिए कहा। जैसे ही मैं झूले से उतरा मैंने डैड को ढूंढना शुरू किया और जब वह नहीं देखे तो मैं रोने लगा। डैड ने मुझे दूर से रोते हुए देखा और तेजी से मेरी तरफ दौड़कर आ गए। उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में बहुत कसकर पकड़ रखा था। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि डैड ही है जिसके साथ मैं सबसे कंफर्टेबल और सुरक्षित हूं। जब वह आसपास होते हैं तो मुझे लगता है कि मुझमें किसी भी परिस्थिति में खड़े होने की हिम्मत है। मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं उनके सभी सपनों को साकार करूंगा और उन्हें और मेरी मां को गर्व महसूस कराऊंगा।

रंजू की बेटियां एक मां, रंजू की दिल को छू लेने वाली और एक पितृसत्तात्मक समाज में 4 बेटियों की परवरिश का उनका संघर्ष की कहानी है। देखे रंजु की बेटीया रात 9.30 बजे केवल दंगल टीवी पर।

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