प्रदूषण में घर के अंदर रहना भी सेहत को कर रहा है अधिक प्रभावित

Health

अगर आपके घर में एयर प्योरीफायर नहीं है तो इस प्रदूषण में घर के अंदर रहना भी सेहत को अधिक प्रभावित कर रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है लेकिन अभी इस दिशा में काम नहीं हो रहा है।

जानलेवा प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हर एजेंसी यह सलाह दे रही है कि घर के बाहर अधिक देर तक न रहें। आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दें लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार एयर लॉक की वजह से स्थिति अब बदल गई है।

इंडोर पलूशन को लेकर जागरूक नहीं हैं लोग

पिछले चार दिनों से दिल्ली में एयर लॉक की स्थिति है। ऐसे में चौथी मंजिल तक रहने वाले लोगों को काफी अधिक खतरा होता है क्योंकि यह जमीनी, बाहरी और घर के अंदर दोनों तरह के प्रदूषण को सबसे अधिक झेल रहे हैं। चौथी मंजिल से ऊपर इस समय हवा की स्पीड कुछ अच्छी है तो उनके स्वास्थ्य पर कम असर पड़ रहा है। सीपीसीबी टास्क फोर्स के मेंबर टी के जोशी के मुताबिक प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरूकता तो दिख रही है लेकिन इंडोर पलूशन पर अब भी बात नहीं हो रही है। लोगों को यह नहीं बताया जा रहा है कि घर के अंदर का प्रदूषण उनके लिए अधिक जानलेवा है।

घर के अंदर धूप-अगरबत्ती का प्रयोग न करें

रसोई, बाथरूम आदि को साफ रखना ही नहीं, बल्कि उनमें वेंटिलेशन का होना भी प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी है। इन दिनों घर के अंदर धूप, अगरबत्ती आदि का प्रयोग भी पीएम 2.5 के स्तर को लगभग तीन से चार गुना तक बढ़ा रहा है क्योंकि घर के खिड़की-दरवाजे बंद हैं।

हवा की स्पीड कम होने से एयर लॉक की स्थिति

सीपीसीबी के अधिकारी के अनुसार यह सही है कि घरों के अंदर बाहर की तुलना में काफी अधिक प्रदूषण स्तर है। सफर की गाइडलाइंस में बताया जा रहा है कि घरों के अंदर इस समय सूखी झाड़ू न लगाएं, गीले पोंछे से सफाई करें। अगरबत्ती या धूप बत्ती का प्रयोग न करें। सीपीसीबी के अनुसार इस समय हवाओं की स्पीड 0 से 5 किलोमीटर प्रति घंटे है। सुबह-शाम एयर लॉक की स्थिति रहती है। ऐसे में प्रदूषक तत्व एक ही जगह पर जमा रहते हैं। उनमें हलचल नहीं होती और ये बढ़ते चले जाते हैं। अंदर कमरों में इनका लगातार बढ़ना स्थिति को और भयावह बना देता है।

-एजेंसियां