कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान पर कंगना ने उनसे पूछे कुछ सवाल

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनसे सवाल पूछते हुए कुछ ट्वीट्स किए हैं.

कंगना रनौत ने लिखा,“प्रिय जस्टिन, हम एक आदर्श दुनिया में नहीं रहते हैं, लोग रोज़ सिग्नल तोड़ते हैं, ड्रग्स लेते हैं, उत्पीड़न करते हैं और दूसरों की भावनाओं को आहत करते हैं. अगर हर छोटे अपराध की सज़ा एक-दूसरे का गला काटना है तो हमें प्रधानमंत्री और क़ानून व्यवस्था की क्या ज़रूरत है?”

कंगना ने जस्टिन ट्रूडो को टैग करते हुए उनसे अपने सवाल का जवाब मांगा.

कंगना ने एक और ट्वीट में लिखा,“कोई भी अगर राम, कृष्ण, मां दुर्गा या कोई भी अन्य भगवान चाहे अल्लाह, ईसा मसीह का कार्टून बनाता है तो उसे सज़ा मिलनी चाहिए. अगर वर्कप्लेस या सोशल मीडिया पर ऐसा करता है तो उसे रोकना चाहिए. अगर खुलेआम ऐसा करता है तो उसे छह महीने के लिए जेल भेज देना चाहिए, बस यही, लोगों को नास्तिक होने का अधिकार है.”

“मैं ये चुन सकती हूं कि मैं भगवान को नहीं मानती, ये ठीक है, ये कोई अपराध नहीं है. मैं ये अभिव्यक्त भी कर सकती हूं कि मैं तुम्हारे धर्म के साथ किस तरह सहमत नहीं हूं, हां!! ये अभिव्यक्ति की आज़ादी है, मेरी आवाज़ के साथ रहना सीखें, आपने मेरे सवालों के जवाब ना होने पर मेरा गला काटना सीखा है, अपने आप से पूछें.”

शार्ली हेब्दो में छपे कार्टून एक क्लास में दिखाने के बाद फ्रांस में एक शिक्षक की हत्या कर दी गई थी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ये कार्टून छापने के अधिकार का बचाव किया था और शिक्षक पर हमले को इस्लामिक कट्टरवाद बताया था.

कुछ मुस्लिम देशों में मैक्रों के बयान पर विरोध जताया गया और फ्रांस के सामानों का बहिष्कार भी किया गया. इसके बाद फ्रांस में एक चर्च पर हमला हुआ जिसमें तीन लोगों की जान चली गई.
उधर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फ़्रांस में हुए हमले के बारे में बात करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया लेकिन साथ ही कहा कि कुछ समुदायों को मनमाने और अनावश्यक तरीके से आहत नहीं करना चाहिए.

ट्रूडो ने फ्रांस की शार्ली हेब्दो पत्रिका में पैंगबर मोहम्मद के कार्टून छापने के अधिकार से जुड़े सवाल पर ये बातें कहीं.

उन्होंने कहा,“हमें हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव करना चाहिए. लेकिन, अभियव्यक्ति की आज़ादी बिना सीमाओं के साथ नहीं होती. हमें दूसरों का सम्मान करते हुए काम करना चाहिए और जिनके साथ हम इस समाज और ग्रह में रहते हैं, उन्हें अनावश्यक रूप से चोट नहीं पहुंचानी चाहिए.”

प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा,“हमें भीड़ भरे सिनेमा हॉल में फ़ायर-फ़ायर चिल्लाने का अधिकार नहीं है. हर अधिकार की सीमाएं होती हैं.”

उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान से दूरी बनाते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने का अनुरोध किया.

जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हमारे जैसे बहुलवादी, विविध और सम्मानजनक समाज में हमें अपने शब्दों, अपने कामों से दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना होगा, खासतौर पर उन समुदायों और लोगों पर जो अब भी बड़े स्तर पर भेदभाव का सामना कर रहे हैं.

इसी दौरान उन्होंने कहा कि समाज इन मुद्दों पर एक जिम्मेदार तरीके से सार्वजनिक बहस के लिए तैयार है.

साथ ही उन्होंने फ्रांस में हुई हिंसक घटनाओं की निंदा की और दुख जताया.

प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि ये पूरी तरह अनुचित है और कनाडा मुश्किल वक़्त से गुज़र रहे अपने फ्रांसीसी दोस्तों के साथ खड़ा होकर इन घटनाओं की निंदा करता है.

कनाडा की संसद में गुरुवार को फ्रांस के नीस में एक चर्च पर हुए हमले में तीन लोगों के मारे जाने पर शोक जताते हुए मौन रखा गया था.

-BBC