शिमला। हिमाचल प्रदेश में दस निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दे दिया गया है। इन कुलपतियों की नियुक्तियां यूजीसी से तय नियमों के अनुसार नहीं करने का आरोप है। आठ कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पर खरे नहीं उतरे जबकि दो की आयु 70 साल से अधिक पाई गई। अब राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने इन कुलपतियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने के विश्वविद्यालय प्रबंधनों को निर्देश जारी किए हैं। अब इन कुलपतियों का हटना तय है।
प्रदेश में वर्तमान में 16 निजी विश्वविद्यालय हैं। इनके कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता की जांच के लिए आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। हायर एजूकेशन काउंसिल के अध्यक्ष और राज्य विश्वविद्यालय शिमला के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता की अगुवाई में गठित जांच कमेटी में तकनीकी विवि हमीरपुर के कुलपति प्रो. एसपी बंसल और क्लस्टर विवि मंडी के कुलपति प्रो. सीएल चंदन को सदस्य बनाया गया था।
बीते दिनों कमेटी ने सभी कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया और उनकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित रिकॉर्ड खंगाला। कमेटी ने रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक को सौंपी। रिपोर्ट में बताया गया कि यूजीसी के अनुसार 70 वर्ष की आयु से अधिक व्यक्ति को कुलपति नहीं लगाया जा सकता है जबकि 70 वर्ष की आयु से अधिक वाले दो निजी विवि में कुलपति हैं।
इसके अलावा आठ कुलपति यूजीसी की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं। शनिवार को आयोग ने रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद संबंधित निजी विवि प्रबंधनों को नियमों के खिलाफ हुई नियुक्तियों को लेकर जल्द कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कार्यवाही से आयोग को लिखित में भी अवगत करवाने को कहा है। अब इन कुलपतियों का हटना भी तय माना जा रहा है।
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता की भी होगी जांच: कौशिक
राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए इस जांच को करवाने को फैसला लिया गया था। जांच कमेटी की रिपोर्ट पर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही निजी विवि के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता की भी जांच की जाएगी।
-एजेंसियां