हम कम्युनिस्ट हैं… नक्सल मूवमेंट में हमारा नाम था, कांग्रेस का चरित्र मुझे पता है: मुनव्वर राना

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लखनऊ। चर्चित उर्दू शायर मुनव्वर राना का हर बयान इन दिनों चर्चा में रहता है। इसके पीछे राजनीतिक विश्लेषक बड़ा कारण कांग्रेस को मानते हैं। हाल ही में मुनव्वर राना की बेटी उरुसा राना ने कांग्रेस भी जॉइन कर ली। इसके बाद मुनव्वर राना के हर बयान को कांग्रेस के साये में देखना लाजमी है। इन सबके बीच राना कांग्रेस की परछाईं से भी खुद को दूर करते हैं। वह कहते हैं कि कांग्रेस का चरित्र मुझे पता है। ऐसे में सवाल ही नहीं कि मैं उनके नजदीक खड़ा हो जाऊं।

आप बीजेपी के खिलाफ हैं या कांग्रेस के पक्ष में, इसके जवाब में मुनव्वर राना कहते हैं, ‘उस दौरान जब कांग्रेस की हुकूमत थी तो अकसर मुझे कांग्रेसी मिल जाते हैं। और राना साहब क्या हाल है, मैं कहता था कि जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो मैं उनसे नहीं मिलता हूं क्योंकि वे मिलने के लायक नहीं होते हैं। बड़े-बड़े वजीरों से ऐसे ही कहता हूं क्योंकि मैं रायबरेली का रहने वाला फकीर, मुझे क्या डर किसी वजीर से।’

अब तो आपकी बिटिया भी कांग्रेस में है, इस पर राना ने कहा, ‘जब तक आपकी बिटिया है आपके घर में है तब तक आप उसके जिम्मेदार हैं, इस्लाम में भी यही कानून है। जब आपने बेटी का हाथ दे दिया तो सारी जिम्मेदारी उनकी होती है। आपका कोई दखल नहीं हो सकता है।’

जब आप एक समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हों और बच्चे किसी दल में जाएं तो सवाल उठता है कि कहीं यह अपनी बेटी के लिए तो रास्ता नहीं बना रहे हैं, इस पर राना ने जवाब दिया, ‘हमारे जैसे व्यक्ति के लिए यह सोचना भी बुरा है। हमारी तो बेटियां भी हमसे नाराज रहती हैं। यह खुदा जानता है कि कांग्रेस से मुझे कभी दिलचस्पी नहीं रही। बुनियादी तौर पर, जेहनी तौर पर हम एक कम्युनिस्ट आदमी हैं। हम 17-18 साल की उम्र में जब 9वीं में पढ़ते थे तब नक्सल मूवमेंट में हमारा नाम था। हमें गोली मार देने का ऑर्डर था। जब हम कलकत्ते में रहते थे तो अम्मा-अब्बा ने घर से निकाल दिया था। हम डेढ़ साल तक ट्रक में धक्के खाते रहे। जेहनी तौर पर, हर तरह से…हमारा एक शेर है कि मस्जिदें किसने गिराईं, कौन मूरत ले गया हम इसी उलझन में आकर मार्क्सवादी हो गए। जेहनी तौर पर कहीं वोट पड़ रहा हो तो मैं मतदान करने ही नहीं जाता हूं। कलकत्ते में था तो मैं कम्युनिस्टों को वोट दे देता था। बाकी हमें मालूम है कि कांग्रेस का करैक्टर क्या है।’

-एजेंसियां