बालीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो याद ही होगी। जिसमें मातृ शक्ति से शर्म, झिझक को छोड़कर कपड़े के बजाय सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने का संदेश दिया था। कोविड-19 के संकट भरे समय में परिवार के पुरुषों को पैडमैन बनने की जरूरत है जिससे पीरियड के गंदे कपड़े के इस्तेमाल से होने वाले संक्रमण से बचा जा सकें।
विश्व मासिक स्वच्छता दिवस शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस बार इसकी थीम मासिक धर्म, स्वास्थ्य और स्वच्छता में कार्रवाई और निवेश बढ़ाना रखी गई है।
इस दिन को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मासिक धर्म यानी पीरियड्स से जुड़ी समाज की विचारधारा को बदलना है। मई महीने की 28 तारीख को इसलिए चुना गया, क्योंकि महिलाओं में मासिक घर्म का चक्र 28 दिन का होता है। अधिकतर मासिक धर्म महिलाओं में 5 दिन तक रहता है। इसकी शुरुआत जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नाम के एनजीओ ने 2014 में की थी। इन दिनों में महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी कई अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, जैसे मांसपेशियों में दर्द, मितली लगना, बदन दर्द या अनियमित माहवारी।
दरअसल आज भी महिलाएं पीरियड्स को लेकर खुलकर बात नहीं करतीं और न ही इस दौरान हाईजीन रखने को लेकर जागरूक होती हैं। मासिक धर्म के दौरान लड़कियों और महिलाओं को साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसा न होने पर कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि महिलाओं को इंफेक्शन हो जाता है । इससे बच्चेदानी के कैंसर का खतरा भी हो जाता है।
आधी आबादी के लिए पांच दिन काफी संकट भरे होते हैं। ऐसे समय में गंदे कपड़े का प्रयोग काफी हानिकारक हो सकता है। सेनेटरी पैड ही सबसे लाभकारी होता हे। व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह डाक्टर भी देते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों या आशा कार्यकर्ता की मदद से नि:शुल्क सेनेटरी पैड महिलाएं आसानी से ले सकती हैं।
-एजेंसी
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