नई दिल्ली। रूस ने शंघाई सहयोग संगठन में भारत की बात का समर्थन करते हुए कहा है कि यहां चर्चा के दौरान कश्मीर जैसे भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दों को नहीं लाना चाहिए. रूस ने इसे संगठन के सिद्धांत के ख़िलाफ़ बताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संगठन के डिजिटल शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में समूह के आधारभूत सिद्धांतों का उल्लंघन कर द्विपक्षीय मुद्दों को अनावश्यक रूप से बार-बार लाने पर आपत्ति ज़ाहिर की थी.
मोदी की इस आपत्ति को एससीओ में पाकिस्तान के बार-बार कश्मीर मुद्दे को उठाने के संदर्भ में देखा जा रहा था.
रूस मिशन के उप-प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने एक प्रेस मीटिंग के दौरान कहा कि यह एससीओ चार्टर का हिस्सा है कि द्विपक्षीय मुद्दों को एससीओ के एजेंडे में नहीं लाया जाए.
बाबुश्किन ने कहा कि सभी देशों को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बहुपक्षीय सहयोग को ध्यान में रखते हुए इससे बचा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय चुनौतियों और ख़तरों से निपटना है और जो आपसी सहयोग क़ायम है उसे इसी तरह बनाए रखने के लिए सदस्यों के बीच आर्थिक और मानवीय साझेदारी को बढ़ावा देना है.
-BBC
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