नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर कहा कि मीडिया ने कोविड-19 को लेकर जागरूकता फैलाकर असाधारण सेवा की है और सरकार की पहल को आगे बढ़ाने में मूल्यवान हितधारक के तौर पर काम किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने लिखित संदेश में कहा कि चाहे सकारात्मक तरीके से आलोचना हो या सफलता की गाथा का उल्लेख कर, मीडिया भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार मजबूत करने का काम कर रहा है।
भारतीय प्रेस परिषद ने इस अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया इसी में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा गया। प्रधानमंत्री ने कहा, “वृहद फायदे के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर जन जागरूकता पैदा करने से लेकर समाज में व्यवहारगत बदलाव लाने के लिए हमने देखा कि मीडिया ने किस तरह सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मूल्यवान हितधारक की भूमिका अदा की। पिछले कुछ वर्षों में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत तथा जल संरक्षण जैसे कई अभियानों में भी उसने मदद की है।”
प्रधानमंत्री का यह संदेश पीसीआई के अध्यक्ष सी के प्रसाद ने पढ़ा। मोदी ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि परिषद प्रेस दिवस का आयोजन कर रही है। ‘कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका और मीडिया पर इसका असर’ विषय पर वेबिनार का आयोजन हुआ ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब कोविड-19 के चलते दुनिया अप्रत्याशित संकट का सामना कर रही है, महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में उसके 130 करोड़ नागरिकों ने अपनी दृढ़ता और संकल्प को दिखाया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में मीडिया कोविड-19 को लेकर जागरूकता फैलाकर असाधारण सेवा कर रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कोविड-19 के बाद की दुनिया में भारत मजबूत और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के अपने संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बड़े अभियान को आकार देने तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ के संदेश को आगे ले जाने में मीडिया भी साथ दे रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और हर क्षेत्र में भारत की उद्यमिता ऊर्जा, प्रतिभा का उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘डिजिटल प्रौद्योगिकी के आगे की राह दिखाने के साथ वैश्विक स्तर पर मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मीडिया का प्रयास हमारे जीवंत मीडिया परिदृश्य को मजबूत करेगा।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकारों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रेस की आजादी बनाए रखने और इसकी आवाज को कुचलने वालों का मुखरता से विरोध करने के प्रति कटिबद्ध है।
मीडियाकर्मी अग्रिम मोर्चे के कोरोना योद्धाओं में शामिल: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि मीडियाकर्मी अग्रिम मोर्चे के उन कोरोना योद्धाओं में शामिल हैं जिन्होंने कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक बनाने और इस महामारी का असर कम करने में अहम भूमिका निभाई है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर अपने लिखित संदेश में राष्ट्रपति ने प्रिंट मीडिया का विनियमन करने वाली भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की भी प्रेस की आजादी की सुरक्षा करने को लेकर प्रशंसा की।
कोविंद ने कहा, ‘मैं यह जानकर खुश हूं कि भारतीय प्रेस परिषद ‘कोविड-19 के दौरान मीडिया की भूमिका और मीडिया पर इसके प्रभाव’ विषय पर 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मना रही है।
उन्होंने कहा, ‘करीब 55 साल से अपनी सेवा दे रही पीसीआई उत्कृष्ट पत्रकारिता सुनिश्चित करते हुए प्रेस की आजादी की सुरक्षा के लिए प्रहरी बनी रही है। हमारे लोकतंत्र की कार्यप्रणाली में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।’
कोविंद ने कहा कि इस साल राष्ट्रीय प्रेस दिवस का विषय देश-दुनिया के सामने खड़े सबसे गंभीर संकट से जुड़ा है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘कोविड-19 से जुड़े मुद्दों से निपटने के तहत मीडिया ने लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है और इस तरह, उसने इस महामारी का प्रभाव कम करने में मदद की है। मीडियाकर्मी अग्रिम मोर्चे के कोरोना योद्धाओं में शामिल हैं। पीसीआई के माध्यम से मैं ऐसे मीडियाकर्मियों की प्रशंसा करता हूं।’
इस बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी कहा कि प्रेस की आजादी पर कोई भी हमला राष्ट्रहित के लिए विनाशकारी है और उसका सभी लोगों द्वारा विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र बिना स्वतंत्र एवं निर्भीक प्रेस के फल-फूल ही नहीं सकता। उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर पीसीआई द्वारा ‘कोविड-19 के दौरान मीडिया की भूमिका और मीडिया पर इसके प्रभाव’ विषय आयोजित वेबिनार में अपने वीडियो संदेश में यह बात कही।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘लोकतंत्र को सशक्त बनाने तथा संवैधानिक कानून के शासन को मजबूत बनाने के लिए एक सशक्त, स्वतंत्र और जीवंत मीडिया स्वतंत्र न्यायपालिका की तरह ही महत्वपूर्ण है।’
इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग में निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ और सटीक रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘सनसनी पैदा करने से बचा जाना चाहिए तथा विचारों को खबरों के साथ मिलाकर पेश करने की प्रवृति पर रोक लगाने की जरूरत है। हमारी रिपोर्टिंग में विकास संबंधी खबरों को अच्छी खासी जगह मिलनी चाहिए।’
उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 की पृष्ठभूमि में अग्रिम मोर्चे के योद्धा बन जाने तथा महामारी से संबद्ध गंभीर खतरों की परवाह किए बगैर सभी बातें लोगों तक लगातार पहुंचाने को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि जब खासकर फर्जी खबरों की भरमार है तब इस महामारी के वक्त सही समय पर सही सूचनाएं पहुंचाने का बड़ा महत्व हो जाता है।
नायडू ने उन पत्रकारों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की जो कोरोना वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं। मीडिया उद्योग पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कुछ अखबारों ने अपने संस्करण घटा दिए और वे डिजिटल हो गए। उन्होंने कहा, ‘प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कर्मचारियों की छंटनी की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारों को इस मुश्किल घड़ी में ‘बेसहारा’ नहीं छोड़ा जाना चाहिए और ऐसे में सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर इस महामारी से उत्पन्न असाधारण स्थिति का नवोन्मेषी समाधान खोजना चाहिए।
-एजेंसियां