भरतपुर। राज्य में आज गुर्जर आंदोलन को पांच दिन हो चुके है लेकिन फिलहाल तक कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं अब गुरुवार को जाटों ने भी राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए जल्दी ही आंदोलन शुरू करने का ऐलान जारी किया है।
भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने पत्रकार वार्ता करते हुए राज्य सरकार पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि 2017 में हुए जाट आंदोलन समझौता वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को ओबीसी वर्ग में केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए सिफारिश चिट्ठी लिखेगी। साथ ही आन्दोलनकारियों पर लगे मुकदमों को बापस लिया जायेगा। चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी मगर दो वर्ष होने के बाद भी कोई भी विदा पूरा नहीं हो सका है लिहाजा मजबूरी वश आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ रहा है।
18 नवंबर को गांव पथैना में महापंचायत
मिली जानकारी के अनुसार जाट नेता जल्दी ही आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। इसके लिए पहली पंचायत आगामी 18 नवंबर को गांव पथैना में आयोजित होगी। उसके बाद कई बड़े गांव में पंचायत आयोजित होगी। साथ ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी| इन सभी महापंचायतों को करने के बाद एक हुंकार रैली का आयोजन कर आंदोलन का बिगुल बजाया जायेगा। जाट नेताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वो हमारी मांगों की ओर ध्यान दें ताकि समाज के लोगों का रोष उनके प्रति ना बढ़ता दिखाई दे।
2017 समझौता वार्ता में प्रतिनिधिमंडल में डॉ. सुभाष गर्ग थे शामिल, जो मोजूदा सरकार में मंत्री
2017 में जाट आंदोलन के दौरान सरकार के साथ हुए समझौता वार्ता में जाटों की ओर से प्रतिनिधिमंडल में डॉ. सुभाष गर्ग भी शामिल थे, जो फिलहाल राज्य सरकार में मंत्री भी हैं|
आंदोलन के दौरान जाट समाज रेलवे ट्रैक, हाईवे सहित सभी छोटे बड़े मार्गों को जाम करेगा। जाट नेताओं का कहना है कि यहां के आंदोलन की आग उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक फैलेगी, जिसे सरकार पूर्व में भी देख चुकी है इसलिए सरकार ने जो वायदा किया था, उसे समय पर पूरा करें।
-एजेंसियां