जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट को देखते हुए प्रदेश के गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी करके 8 जिला कलेक्टरों को रासुका लगाने की शक्तियां तीन महीने के लिए दी है।
अधिसूचना में बताया गया है कि भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ और करौली में आंदोलन हो सकता है। इसके चलते संबंधित जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 3 की उपधारा 3 के तहत शक्तियां आदेश जारी होने की तिथि से आगामी 3 महीने के लिए दी जाती है।
आपको बता दें कि 1 नवंबर को गुर्जरों की महापंचायत होने जा रही है और गहलोत सरकार को यह संभावना लग रही है, यह महापंचायत आंदोलन में बदल सकती है।
शुक्रवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी बैंसला ने कहा कि सामुदायिक आंदोलन 1 नवंबर से शुरू होगा। इसके चलते पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को पहले ही बंद कर दिया गया था। हालांकि समुदाय के कुछ नेता सरकार के साथ बातचीत करने के लिए जयपुर के लिए रवाना हुए हैं।
1 नवंबर से पहले से ही राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है और इस क्षेत्र में केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों की अतिरिक्त टीमों को तैनात किया गया है। कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए शनिवार को गुर्जर बहुल इलाकों में सुरक्षा बलों को भेजा गया है। जीआरपर के 300 और आरपीएफ के 100 जवान बयाना पहुंच चुके हैं।
बता दें कि 17 अक्टूबर को गुर्जर नेताओं ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वे भरतपुर में हुई महापंचायत में समुदाय द्वारा की गई मांगों को वीकार करें अन्यथा समुदाय 1 नवंबर से आंदोलन करेगा। यह महापंचायत गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने आयोजित की थी और इसमें हिम्मत सिंह समेत समुदाय के अन्य नेता शामिल हुए थे।
-एजेंसियां