नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 महामारी के कारण हर घंटे तीन से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। रविवार को 95 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। यह डेली कोरोना डेथ के मामले में तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। नवंबर में दिल्ली में अब तक हुई कुल कोविड मौतों का आंकड़ा 1,103 पर पहुंच चुका है। इसका मतलब है कि 15 दिनों में हर दिन औसतन 73.5 मौतें हुईं। यानी, हर घंटे तीन मौतें।
करीब 40 हजार एक्टिव केस
दरअसल, बीते सप्ताह में तो हर दिन 90 मौतें हुईं। गुरुवार, 12 नवंबर को 104 मौतें हुईं जो एक दिन में हुईं मौतों का अब तक का रिकॉर्ड है। शनिवार को 96 मौतों का दूसरा जबकि अगले ही दिन रविवार को 95 मौतों का तीसरा रिकॉर्ड बना। अब तक दिल्ली में 7,614 मौतें हो चुकी हैं। इसके साथ ही कुल कोविड मृत्यु दर 1.5% है। यहां 39,990 ऐक्टिव केस हैं जबकि 4,37,801 मरीज ठीक हो चुके हैं।
सबसे ज्यादा मौतें जून में
दिल्ली में पहला कोविड केस 2 मार्च को मिला था। उस महीने दो मरीजों की मौत हो गई थी और अगले महीने से हर दिन करीब-करीब दो मौतें हुईं। मई महीने में 424 कोविड मरीजों ने दम तोड़ा और इस तरह हर दिन का औसत 13.3 रहा। जून में 2,269 मरीजों की मौत हुई और हर दिन का औसत बढ़कर 75.6 हो गया। जुलाई महीने में औसत मौतों का आंकड़ा बहुत कम होकर 39.3 हो गया। अगस्त में यह और गिरा और 15.5 पर आ सिमटा। हालांकि, सितंबर से इसमें फिर से वृद्धि होने लगी और उस महीने 917 मौतों के साथ औसत 30.5 हो गया। अगले महीने अक्टूबर में यह और बढ़कर 37 पर पहुंच गया।
यह रही पॉजिटिविटी रेट की रफ्तार
नवंबर महीने में पॉजिटिविटी रेट 12.8 रहा। यानी हर 100 नमूनों की जांच में औसतन 12.8 नमूने पॉजिटिव पाए गए। जून में यह 21.1% था। उस महीने किसी-किसी दिन यह बढ़कर 30% को भी पार कर गया था। जुलाई में कुल पॉजिटिविटी रेट गिरकर 9.6% पर आ गया। सितंबर और अक्टूबर में इसमें और गिरावट आई और यह क्रमशः 7% और 6.6% पर आ गया। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन 4,288 से बढ़कर अभी 4,358 हो गए हैं।
दिल्ली में कोविड के कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े
कुल एक्टिव केस में 27,089 मरीज होम आइसोलेशन में हैं जबकि 8,741 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों के 47.5% कविड बेड अब भी खाली हैं लेकिन कोविड मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बेड लगातार भरते जा रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में कुल 1,342 आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए हैं जिनमें अब सिर्फ 164 यानी 12.2% बेड खाली रह गए हैं।
-एजेंसियां