लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के 15 लाख राज्य कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। राज्य कर्मचारियों को एक महीने के बोनस भुगतान की सीएम योगी ने मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी को कैश मिलेगा, जबकि 75 फीसदी हिस्सा पीएफ खाते में जाएगा। सरकार की घोषणा के बाद सभी कर्मचारी बोनस की गुणा-गणित में लग गए हैं कि किसके हिस्से में कितना बोनस आएगा।
कोरोना महामारी के चलते सरकार ने कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता रोक दिया है। ऐसे में सरकार की तरफ से बोनस के घोषणा से हर कर्मचारी खुश है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए स्पेशल फेस्टिवल एडवांस और एलटीसी के बदले स्पेशल कैश पैकेज की भी घोषणा की थी।
जानिए कितना बोनस मिलेगा कैश
4800 ग्रेड वेतन वाले सभी अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को साल 2019-20 के लिए 30 दिनों के वेतन के बराबर मिलेगा। हर कर्मचारी के लिए 6908 रुपये मंजूर किए गए हैं। इसका 25 प्रतिशत यानी 1727 रुपये कर्मचारी को कैश मिलेगा जबकि 75 प्रतिशत हिस्सा जीपीएफ, पीपीएफ या एनएससी में जमा होगा।
प्वाइंट में समझें: किसको मिलेगा बोनस
1. 31 मार्च 2020 तक एक साल या उससे अधिक सर्विस पूरी करने वाले राज्य कर्मचारी ही बोनस के पात्र होंगे
2. 31 मार्च 2020 तक तीन साल या उससे अधिक समय तक लगातार काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पात्र होंगे। इस दौरान हर साल न्यूनतम 240 दिन काम करना जरूरी है।
3. ऐसे पूर्णकालिक कर्मचारी जिन्होंने 31 मार्च 2020 तक एक साल लगातार सेवा पूरी नहीं की है, लेकिन उस तारीख तक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में 3 साल या उससे अधिक समय तक काम किया हो तो वह बोनस पाने का हकदार है।
4. 2021 में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी कैश बोनस मिलेगा।
5. ऐसे कर्मचारी जो भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं हैं, उन्हें उनका बोनस एनएससी के रूप में दिया जाएगा।
जिनका पीएफ खाता नहीं उन्हें कैसे मिलेगा बोनस
योगी सरकार के बयान के मुताबिक जिन कर्मचारियों के पास प्रॉविडेंट फंड यानी पीएफ का खाता नहीं है उन्हें बोनस के पैसे नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के रूप में दिए जाएंगे। योगी सरकार के फैसले में राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभावित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के शिक्षक समेत अन्य कर्मचारी शामिल होंगे।
-एजेंसियां