पटना। बिहार चुनाव को लेकर AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर पलटवार किया। ओवैसी ने रणदीप सिंह सुरजेवाला को तोता बताते हुए कहा, ‘इस तोते की वजह से आप हरियाणा से राज्यसभा चुनाव हार गए? मध्य प्रदेश में आपके 26 विधायक बीजेपी (BJP) की गोद में बैठे हैं।’
विशेषज्ञ ओवैसी के इस बयान को मुस्लिम वोट बैंक से जोड़कर देख रहे हैं। ओवैसी यही नहीं रुके, उन्होंने कहा, ‘ कर्नाटका में कितने ऐसे विधायक है जो हमारा वोट लेकर चुनाव के बाद बीजेपी से जुड़ गए? इसलिए कांग्रेस वोट चोर है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 191 ऐसी सीटें थी जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था। इन 191 में से बीजेपी 175 जीत गई। अगर परीक्षा में किसी को ऐसे वाहियात नंबर आते तो हम उसको ‘प्रेस नोट’ जारी करते हुए तो नहीं देखते।’
बिहार चुनाव में तीसरे चरण में 78 सीटों पर मतदान जारी है। इनमें ज्यादातर सीटें मुस्लिम वोटर बहुल हैं। कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों में, चरण 3 में 24 सीटों वाले, मुस्लिम आबादी 40 से 70 प्रतिशत के बीच है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की एंट्री से इस क्षेत्र में NDA और महागठबंधन के बीच की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र की 24 मुस्लिम बहुल सीटों में से 14 पर उम्मीदवार उतारे हैं। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने पिछले साल अक्टूबर में किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद न सिर्फ बिहार में खाता खोला था बल्कि NDA और महागठबंधन में हलचल भी मचा दी थी।
BJP, JDU और RJD पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में कहा था कि ‘JDU ने इस बार BJP के साथ गठबंधन किया है। JDU और RJD गठबंधन ने भी मतदाताओं को धोखा दिया है। 2020 में हमें उन्हें जवाब देना होगा।’
सीमांचल में मुस्लिम वोटों में होगा बिखराव?
बिहार इलेक्शन में राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 24 पर AIMIM ने अपने कैंडिडेट खड़े किए हैं। पार्टी को उम्मीद है कि उसे कम से कम 10 सीटों पर फतह हासिल होगी। सीमांचल की 19 सीटों पर मुस्लिम मतदाता जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं। कोसी के 18 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में ओवैसी के आक्रामक चुनाव प्रचार से महागठबंधन खेमे में हलचल लाजिमी है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि ओवैसी के कारण मुस्लिम वोटों का बिखराव तय है और इसका नुकसान महागठबंधन को हो सकता है।
कांग्रेस ने ओवैसी को बता दिया बीजेपी की ‘टीम बी’
दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर AIMIM को बीजेपी की B टीम करार देते हुए हमला बोला था। रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘असदुद्दीन ओवैसी ‘बीजेपीई तोता’ हैं। वोट ध्रुवीकरण की ‘काठ की हांडी’ फेल होगी। बिहार बेकरार है, तैयार है बदलाव के लिए, नई उम्मीदों, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के साथ। महागठबंधन की जीत बिहार के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।’
योगी का बयान ओवैसी की काट?
यूपी के सीएम और बीजेपी के फायरब्रैंड नेता योगी आदित्यनाथ ने कटिहार की एक रैली में अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, ‘कटिहार घुसपैठ की समस्या से त्रस्त है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने पर घुसपैठिये को निकाल बाहर करेंगे। आपके आशीर्वाद से घुसपैठ की समस्या का समाधान होगा।’ विशेषज्ञ योगी के इस बयान को ध्रुवीकरण की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि हिंदुओं का एकमुश्त वोट बीजेपी अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। अगर इस इलाके में मुस्लिम वोट बंटे तो इसका सीधा लाभ एनडीए को होगा।
NRC का मुद्दा उठा ओवैसी ने कर दिया ध्रुवीकरण?
ओवैसी ने बिहार चुनाव प्रचार में NRC जैसे मुद्दे को उछाल कर सीमांचल और कोसी इलाके मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। ओवैसी के इस दांव से एनडीए को फायदा मिलता दिख रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के अलावा एनडीए के खिलाफ ओवैसी की प्रचार शैली आक्रामक और ध्रुवीकरण पैदा करने वाली रही है। यह तय है कि सभी मुसलमान ओवैसी को वोट नहीं देंगे और वोटों का बिखराव होगा।
-एजेंसियां