नई दिल्ली। यह तस्वीर सियाचिन में तैनात भारतीय जवानों की है। पास में ही एयरफोर्स का ‘चीता’ हेलीकॉप्टर खड़ा है। एयरफोर्स ने कैप्शन दिया है, ‘IAF भगवान के पास वाली ऊंचाइयों पर ऑपरेट करते हुए।’ चीता हेलीकॉप्टर्स के जरिए ही सियाचिन में तैनात जवानों को अहम सप्लाई भेजी जाती है। हालांकि IAF ने जो फोटो शेयर की है, वह आज की नहीं है। यह कम से कम छह साल पुरानी तस्वीर है। IAF रोज एक तस्वीर ‘पिक्चर ऑफ द डे’ हैशटैग के साथ ट्विटर पर शेयर करता है।
दरअसल, सियाचिन में 18 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर भारतीय जवान तैनात रहते हैं। इतने ऑल्टिट्यूड पर इंसानी शरीर को खासी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं मगर भारत के हिमवीरों का जज्बा भारी पड़ता है। चारों तरफ बर्फ से ढकी चोटियां और बीच में सैनिकों का अस्थायी टेंट।
अगर किसी आम इंसान को अचानक ऐसी जगह छोड़ दिया जाए तो शायद ही वह एक दिन से ज्यादा बच पाए। हमारे जवान महीनों उसी हाल में रहते हैं ताकि देश की सीमाओं की सुरक्षा हो सके। उनका संघर्ष पूरे साल चलता है कि क्योंकि जिस ऊंचाई पर वो रहते हैं, वहां बर्फ कभी गलती नहीं। भारतीय वायुसेना ने एक तस्वीर शेयर की है जो यह बताने को काफी है कि हजारों-हजार फीट ऊंची चोटियों पर देश की रक्षा करना कोई हंसी खेल नहीं।
क्यों इतना खास है IAF का ‘चीता’?
‘चीता’ हेलीकॉप्टर्स की मूल तकनीक फ्रांसीसी हैं मगर इन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। पांच सीटों वाला यह हेलीकॉप्टर एक तो साइज में छोटा है, दूसरा बेहद हल्का है। इसके नाम पर दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने का रिकॉर्ड है। इसी वजह से सियाचिन में तैनात जवानों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए इन हेलीकॉप्टर्स का यूज किया जाता है।
-एजेंसियां
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