नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों पर भारत ने कहा है कि “हमें मीडिया रिपोर्ट्स से पाकिस्तान की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में जानकारी मिली जिसमें उसने भारत पर अनर्गल आरोप लगाए हैं. यह एक और निरर्थक, भारत विरोधी प्रचार है.”
पाकिस्तान की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लगाए गए आरोपों पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ये जवाब जारी किया गया है.
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत के ख़िलाफ़ तथाकथित सुबूत के दावे पूरी तरह से बेबुनियाद, तर्कहीन और मनगढ़ंत हैं. जान-बूझकर लगाये जा रहे इन आरोपों पर कोई भरोसा नहीं करेगा क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उनकी चालों से वाक़िफ़ है. इस्लामाबाद के आतंकवाद को प्रायोजित करने की बात को ख़ुद उनके ही नेतृत्व ने स्वीकार किया है.”
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “वैश्विक आतंक का चेहरा रहा ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में रह रहा था. ओसामा को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संसद में ‘शहीद’ का दर्जा दिया था. उन्होंने ख़ुद पाकिस्तान में 40 हज़ार से अधिक आतंकवादियों के होने की बात स्वीकार की है. उनके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की भागीदारी और पीएम के नेतृत्व की बात को स्वीकारा था. पुलवामा आतंकी हमले में 40 भारतीय जवानों की जान चली गई थी.”
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा “शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए साल 2003 के युद्ध विराम का पालन करने के आग्रह के बावजूद पाकिस्तान की सेना भारत में घुसपैठ के लिए लगातार कवर देती रहती है. आतंकवादियों की घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए हथियारों की आवाजाही लगातार जारी है. एलओसी पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों के सहयोग के बिना ऐसा हो पाना संभव ही नहीं है.”
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस उनकी ख़ुद की राजनीतिक और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए आयोजित की गई थी.
हालांकि यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए हैं. पाकिस्तान ऐसे आरोप पहले भी लगा चुका है और भारत इन आरोपों को ख़ारिज करता रहा है.
पाकिस्तान ने क्या आरोप लगाए?
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में एक घंटे की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान विदेश मंत्री और सेना के प्रवक्ता ने विभिन्न दस्तावेज़ों को पेश करके यह दावा किया कि ‘भारत पाकिस्तान के किन इलाक़ों और गिरोहों के ज़रिये आतंकी घटनाओं को कथित तौर पर बढ़ावा दे रहा है.’
शाह महमूद क़ुरैशी ने इस मौक़े पर कहा, “हमें अक्सर सबूत पेश करने को कहा जाता है. आज हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तमाम सबूत इकट्ठा करके भारत के इरादों की तरफ़ ध्यान दिलाना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि ‘आगे चुप रहना पाकिस्तान के हित में नहीं होगा. इस क्षेत्र के अमन और स्थिरता से समझौता भी नहीं होगा.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि ‘पाकिस्तान ने आतंक की वजह से बहुत नुक़सान उठाया है जिसे (अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर) स्वीकार भी किया जाता है.’
-BBC