नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर दो फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की है, जिसमें नयति हेल्थकेयर (Nayati Healthcare) भी शामिल है, जिसकी चेयरपर्सन और प्रमोटर नीरा राडिया हैं। गुरुग्राम की हेल्थ फर्म के साथ-साथ ईओडब्ल्यू की एफआइआर में दर्ज एक अन्य कंपनी नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है जो एक ऋण के माध्यम से प्राप्त की गई थी। नयति और नारायणी पर गुरुग्राम और विमहंस हॉस्पिटल दिल्ली के प्रिमामेद हॉस्पिटल परियोजनाओं (Primamed Hospital Projects) में 2018-2020 के बीच 312.50 करोड़ रुपये की राशि के गबन और जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
दिल्ली के ऑर्थोपेडिक सर्जन राजीव के शर्मा ने यह शिकायत दर्ज की है। सूत्रों के अनुसार फर्मों ने विभिन्न प्रसिद्ध ठेकेदारों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर और इन खातों में सीधे लोन मनी ट्रांसफर करके लोन से करोड़ों का गबन किया। राजीव शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 400 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण और इक्विटी मनी को बेशर्मी से निकाल दिया गया है जबकि गुरुग्राम अस्पताल के बिल्डिंग की हालत पहले से भी बदतर हो गई है।
इस संबंध में अन्य जांच की प्रक्रिया अभी है जारी
नयति हेल्थकेयर ने बाद में इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया। डॉ. शर्मा बोर्ड के सदस्य होने के नाते कंपनी के सभी कार्यों के लिए एक पार्टी और हस्ताक्षरकर्ता थे। मतभेदों के कारण जो गतिविधियों के एक फोरेंसिक ऑडिट के संचालन के लिए पीछा किया गया था। डॉ. राजीव शर्मा के तहत पिछला प्रबंधन, गलतबयानी और दुर्भावना के कुछ मामले सामने आए। इन मुद्दों को डॉ. शर्मा के साथ उठाया गया था और विधिवत रूप से पुलिस को एक शिकायत (SIC) के रूप में सूचित किया गया था। इस संबंध में अन्य जांच की प्रक्रिया अभी जारी है।
-एजेंसियां