नई दिल्ली। भारत ने जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को तलब कर फटकार लगाई। नगरोटा में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को सुरक्षा बलों ने गुरुवार को नाकाम कर दिया था। शुरुआती रिपोर्ट्स में सभी आतंकी पाकिस्तान की धरती से चलने वाली आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाए गए। भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की जमीन से उसके खिलाफ आतंकी साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर ऐसी कोशिश आगे होती है तो भारत जवाबी कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत ने कर दिया साफ, जवाब देने में नहीं हिचकेंगे
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी को बुलाकर हमले की कोशिश का कड़ा विरोध किया। भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने की अपनी नीति से बाज आए और आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करे। भारत ने अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती को भारत के खिलाफ किसी तरह के आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल न होने देने के अपने वादे और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का पालन करे। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी हरसंभव कदम उठाएगी।
‘DDC चुनावों को निशाना बनाने आए थे आतंकी’
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे जो कि संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। सरकार ने पुलवामा समेत जैश के पुराने हमले गिनाते हुए कहा कि इसे पाकिस्तान पनाह देता है।
बयान के मुताबिक, आतंकियों के पास से भारी मात्रों में विस्फोटकों की बरामदगी दिखाती है कि वे बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे थे। सरकार के अनुसार आतंकी जिला विकास परिषद के चुनावों में खलल डालना चाहते थे।
पीएम मोदी ने की थी सुरक्षा बलों की तारीफ
नगरोटा मुठभेड़ में आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी कई चीजें बरामद हुई थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुठभेड़ के बाद एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर हालात के बारे में जानकारी हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों के मारे जाने और भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि बड़ी तबाही मचाने की उनकी कोशिशों को फिर से विफल कर दिया गया है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अत्यंत बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म प्रदर्शित किया है। उनकी सतर्कता ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक अभ्यासों को निशाना बनाने की एक नापाक साजिश को हराया है।”
आतंकी पूरी तैयारी के साथ इस तरफ आए थे
जम्मू -कश्मीर के नगरोटा मुठभेड़ में मारे गए आतंकी पूरी तैयारी के साथ इस तरफ आए थे। उनके पास से हथियारों के अलावा दवाइयां भी बरामद हुई हैं जोकि पाकिस्तान की बनी हैं। इन दवाइयों के बरामद होने से साफ है कि वह ताजा घुसपैठ करके इस तरफ आए थे। इनके पास दर्द कम करने की दवा भी शामिल थी ताकि अगर वे किसी ऑपरेशन में फंसकर वे घायल हो जाए तो हालात को संभाल सकें। इन दवाइयों पर मेड इन पाकिस्तान लिखा हुआ है। इस तरह से एजेंसियों के पास पाकिस्तान के खिलाफ एक और सबूत जमा हो गया है। इस मामले की जांच को एनआईए को दिया जा सकता है।
आतंकियों के पास से जो सामान बरामद हुआ है, उनमें 11 एके 47 राइफल, 24 ग्रेनेड, 7 यूबीजीएल, तीन पिस्टल, 16 मैगजीन, दो आइईडी सर्किट, आरडीएक्स, दो मल्टी पर्पस कटर, वायर, सेटेलाइट फोन, मोबाइल फोन, कंपस और पिट्ठू बैग शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तान में बनी दवाइयां शामिल हैं। इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों के बरामद होने से साफ है कि वह कश्मीर में सक्रिय अपने साथियों के लिए हथियार लेकर आए थे।
पहली बार इतनी मात्रा में हथियार बरामद
आईजी मुकेश सिंह का कहना है कि पहली बार आतंकियों से इतनी बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। चार आतंकी इतने असलहे को लेकर कश्मीर की तरफ जा रहे थे ताकि घाटी में सक्रिय आतंकियों को हथियार दिए जा सके। इनका मकसद डीडीसी चुनाव के दौरान कश्मीर में माहौल को खराब करने का था। पिछले काफी समय से कश्मीर में सफल घुसपैठ नहीं हो पा रही है। ऐसे में आईएसआई की तरफ से अब घुसपैठ करवाने का काम शुरू कर दिया गया है।
-एजेंसियां