नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से आ रही जानकारी के अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे 31 दिसंबर तक निर्धारित समय सीमा में खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहनों के लिए भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक्सप्रेस वे पर दोपहिया के प्रवेश पर पाबंदी के बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं।
हालांकि अधिकारियों के मुताबिक डेडलाइन तक एक्स्प्रेसवे पर कुछ निर्माण पूरे नहीं हो पाएंगे, लेकिन एक्सप्रेस चालू करने को तैयारी चल रही है। दिल्ली से ही एक्सप्रेस वे मुख्य कारीडोर में दोपहिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। तेज रफ्तार एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर इसे लागू किया जा रहा है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के हैं चार खंड
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस की कुल लंबाई 60 किलोमीटर है और यह चार खंडों में बंटा हुआ है। चार खंडों में पहला खंड निजामुद्दीन से यूपी गेट आठ किलोमीटर, दूसरा खंड यूपी गेट से डासना 19 किलोमीटर, तीसरा खंड डासना से हापुड़ 22 किलोमीटर व चौथा खंड डासना से मेरठ तक 32 किमी का है। डासना तक 14 लेन हैं और इसके बाद 6 लेन। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण की लागत 7 हजार करोड़ रुपये है।
एक्सप्रेस-वे का पहला और तीसरा खंड का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इन पर वाहन दौड़ने लगे हैं। बाकी दूसरे व चौथे खंड पर निर्माण कार्य चल रहा है। इन पर 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा होना है।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर लगी थी पाबंदी
इससे पहले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश बंद है हालांकि इस पर दोपहिया वाहन चालकों की खूब आवाजाही होती है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर घुसने और निकलने के स्थान बहुत सीमित होने के कारण दोपहिया चालकों को एक्सप्रेस वे पर आवाजाही की मनाही होगी।
निजामुद्दिन से डासना तक दोपहिया चालक आसानी से एक्सप्रेस वे के साथ बने हाइवे पर चल सकते हैं। लेकिन डासना से जैसे ही एक्सप्रैस वे मेरठ के लिए आगे बढ़ेगा उस पर दोपहिया वाहनों का प्रवेश नहीं होगा।
एकेजी कलेज के पास तैयार हो रहा है टोल प्लाजा
एक्सप्रेस वे पर अजय कमार गर्ग इंजीनिरिंग कालेज के पास टोल प्लाजा तैयार हो रहा है। इस टोल प्लाजा पर नंबर प्लेट और फास्ट टैग के आधार पर वाहनों के खाते से टोल की वसूली होगी। अत्याधुनिक कैमरों के जरिए टैग और नंबर प्लेट से वाहन की जानकारी डाटाबेस में जाएगी और इसके बाद टोल कटेगा।
– एजेंसी