नई दिल्ली। संसद के भीतर कांग्रेस की हालत बेहद पतली हो चुकी है। राज्यसभा में कांग्रेस पहली बार सिर्फ 38 सदस्यों तक सिमट गई है। लोकसभा को भी मिला दें तो संसद में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं है। पार्टी के सिर्फ 89 प्रतिनिधि ही संसद में हैं। इसके मुकाबले राज्यसभा में बीजेपी के अब रेकॉर्ड 92 सदस्य हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बिहार के अररिया में एक रैली में उन्होंने मुख्य विपक्षी दल पर तंज कसते हुए कहा, “आज कांग्रेस की हालत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा को मिला दें, तो भी उसके पास 100 सांसद नहीं हैं।”
पीएम मोदी ने रैली में कांग्रेस को मारा ताना
अररिया में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बातें बहुत कीं लेकिन इतिहास गवाह है कि एक भी काम नहीं किया। बातें कीं, गुमराह किया लोगों को और इसलिए जनता को लंबे अरसे तक मूर्ख नहीं बना सकते। देखिए कांग्रेस का हाल क्या हुआ है? कांग्रेस की हालत कैसी करके रखी है जनता ने। आज कांग्रेस की हालत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिला दें तो भी कांग्रेस के पास 100 सांसद भी नहीं हैं। ये हाल जनता ने उनका करके रखा है। जब भी मौका मिलता है, जनता आज भी उनको सजा देती है।”
पीएम ने कहा कि कई राज्यों ने तो कांग्रेस के एक भी बंदे को लोकसभा/राज्यसभा तक पहुंचने नहीं दिया। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर देख लीजिए, उत्तराखंड देख लीजिए, राजस्थान देख लीजिए, गुजरात देख लीजिए, आंध्र प्रदेश देख लीजिए, अरुणाचल प्रदेश देख लीजिए। अनेक ऐसे राज्य हैं जहां से कांग्रेस के एक बंदे को भी जनता ने संसद में पैर नहीं रखने दिया।”
ताजा चुनावों से बदल गए संसद के समीकरण
सोमवार को राज्यसभा के 11 सदस्य निर्वाचित हुए। इनमें से नौ सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के थे। इसी के साथ उच्च सदन में उसके 92 सांसद हो गए हैं जो पार्टी की स्थापना के बाद से सर्वाधिक हैं। एनडीए के पहले कार्यकाल में बीजेपी कई कानून इसी वजह से पास नहीं करा सकी थी क्योंकि उसके बाद बहुमत नहीं था। अब बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास राज्यसभा में 110 सदस्य हैं। बीजेपी और कांग्रेस के बीच का अंतर भी अब सबसे ज्यादा हो गया है।
संसद में अब बीजेपी का दबदबा
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला था मगर राज्यसभा में उसके सामने विपक्षी अड़चन खड़ी करते थे। अब 110 सदस्यों के साथ एनडीए के लिए कानून पास कराना आसान हो जाएगा। सहयोगियों के अलावा बीजेपी को AIADMK, TRS, YSRCP और BJD वगैरह का साथ मिलता रहा है। ऐसे में एनडीए को राज्यसभा में 150 सदस्यों का साथ मिलने की उम्मीद है जिससे उसके लिए कोई भी प्रस्ताव पास कराना आसान हो जाएगा। दो-तिहाई बहुमत की जरूरत वाले प्रस्तावों के लिए भी एनडीए की राह आसान हो गई है।
-एजेंसियां