नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक से धन निकासी की सीमा तय कर दी है. ये सीमा अगले महीने यानी 16 दिसंबर तक के लिए तय की गई है. तब तक बैंक के खाता धारक एक खाते से अधिकतम 25 हज़ार रुपये निकाल सकते हैं.
लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर की जगह रिजर्व बैंक ने एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति की है. केंद्र सरकार ने ये फ़ैसला रिर्ज़व बैंक की सिफारिश पर लिया है.
केंद्र सरकार के मुताबिक कुछ परिस्थितियों में खाता धारक 25 हज़ार रुपये से भी अधिक रकम निकाल सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें रिर्ज़व बैंक से अनुमति लेनी होगी. बीमारी के उपचार, उच्च शिक्षा या फिर शादी के खर्च के लिए अनुमति ली जा सकती है.
रिजर्व बैंक के मुताबिक “लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड की आर्थिक स्थिति में लगातार गिरावट हुई है. बीते तीन साल से ज़्यादा से बैंक को लगातार घाटा हो रहा है. इससे इसकी नेटवर्थ घटी है. किसी सक्षम रणनीतिक योजना के अभाव और बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग असेट के बीच घाटा जारी रहने ही संभावना है.”
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
इस बीच रिर्ज़व बैंक ने जानकारी दी है कि उसने लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड (एलवीबी) और डीबीएस बैंक इंडिया लिमिडेट के विलय की योजना तैयार की है. लक्ष्मी विलास बैंक के पहले पीएमसी और येस बैंक से धन निकासी के लिए इस तरह की बंदिशें लगाई जा चुकी हैं.
बीबीसी की बिज़नेस रिपोर्टर निधि राय ने बताया कि पीएमसी बैंक वाले मामले में जब धोखाधड़ी की बात सामने आई तो रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने उनके बोर्ड ऑफ़ डिरेक्टर को निलंबित कर दिया था और उसकी जगह अपने एक एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति की थी.
“रिज़र्व बैंक के इस एडमिनिस्ट्रेटर का काम ये देखना होता है कि बैंक में किस तरह की गड़बड़ी हुई है या फिर क्या चूक हुई है. पीएमसी बैंक की तरह ही लक्ष्मी विलास बैंक के मामले में भी आरबीआई ने एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति की है और बैंक पर मोरेटोरियम लागू किया गया है.”
“इसका मतलब ये हुआ कि लक्ष्मी विलास बैंक में जमाकर्ताओं का जो पैसा है, उसके निकासी की सीमा आरबीआई तय करेगी. मोरेटोरियम लागू करने का मतलब हुआ कि रिज़र्व बैंक ने बैंक के कामकाज से जुड़ी कुछ पाबंदियां लगा दी हैं. यानी लोग अपने फिक्स डिपॉजिट का पैसा पहले की तरह नहीं निकाल पाएंगे.”
लक्ष्मी विलास बैंक एक वाणिज्यिक बैंक है. इसकी 563 शाखाएं और करीब 974 एटीएम हैं.
-BBC