इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पाकिस्तानी संसदीय पैनल ने कहा है कि वह कुलभूषण के फांसी की सजा की समीक्षा करना चाहता है।
नेशनल असेंबली की कानून और न्याय मामलों की स्थायी समिति ने जाधव के फांसी दिए जाने के फैसले की समीक्षा करने का फैसला किया है। समिति के 8 सदस्यों ने इस फैसले की समीक्षा करने का समर्थन किया। माना जा रहा है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के डर से पाकिस्तानी समिति ने यह फैसला किया है।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान को इस फैसले के समीक्षा करने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी समिति ने इसी दबाव में फैसले की समीक्षा करने का फैसला किया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इस संबंध में दरवाजा खटखटाया था। अगर पाकिस्तानी पैनल इस फैसले की समीक्षा करता है तो दोनों देशों के बीच रिश्ते को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।
बता दें कि पाकिस्तानी अदालत में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का केस लड़ने से पाकिस्तानी वकीलों ने साफ इंकार कर दिया है। इन वकीलों को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जाधव की तरफ से केस लड़ने के लिए चुना था। पाकिस्तानी सरकार पहले ही उनकी तरफ से पैरवी करने के लिए भारतीय वकीलों को शामिल करने से मना कर चुकी है।
वकीलों ने केस लड़ने से किया इंकार
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के दो सबसे वरिष्ठ वकीलों आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान से सहायता मांगी थी। दोनों ने खेद व्यक्त करते हुए कुलभूषण जाधव की ओर से कोर्ट में पेश होने से इंकार कर दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय को अपने फैसले के बारे में सूचित किया है। आबिद हसन मिंटो ने कहा कि वह सेवानिवृत्त हो गए हैं और अब वकालत नहीं करेंगे। वहीं, मखदूम अली खान ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला दिया है।
क्वीन काउंसलर देने से पाक का इंकार
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के मामले में कोई भारतीय वकील या क्वींस कांउसल नियुक्त किए जाने की भारत की मांग को पहले ही खारिज कर चुका है। पाकिस्तान ने कहा था कि हमने भारत को सूचित किया है कि केवल उन वकीलों को पाकिस्तानी अदालतों में उपस्थित होने की अनुमति है जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है। इस परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। क्वींस काउंसल एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है।
ICJ के निर्देश पर पाकिस्तान लाया अध्यादेश
इससे पहले पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश को चार महीने के लिए विस्तार दे दिया जिसके तहत जाधव को हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिला है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने आदेश पर पाकिस्तान यह अध्यादेश लाया था। जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से मना किए जाने पर भारत ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था और एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में सुनाई गई मौत की सजा को चुनौती दी थी।
-एजेंसियां
- मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ईशनिंदा पर सिर काटना: गवर्नर केरल - June 29, 2022
- उन्नाव: जिस निर्सिंग होम को CMO ने किया सील, वहीं उपचार के दौरान महिला मरी - June 29, 2022
- Mrs. Minu Kalita Pursues Her Dream of Becoming a Teacher after Graduating With a B.Ed. Degree at the Age Of 44 - June 29, 2022