आगरा। शुरूआत से विवादों में घिरे गांधी नगर पेट्रोल पम्प के लैंड यूज बदलने के प्रस्ताव को आगरा विकास प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया। इस प्रस्ताव के निरस्त होने के बाद पेट्रोल पम्प पर बन्दी की तलवार लटक गई है। पूर्व में भी इस पम्प को प्रशासन द्वारा मिली एनओसी रदद् कर दिया गया था, लेकिन बाद में राजनीतिक रसूख के चलते एनओसी को बहाल कर दिया गया था।
दरअसल ,गांधी नगर पेट्रोल पंप को लेकर प्रशासन और एडीए में दर्जनभर शिकायतें मिली थीं। पंप संचालक को इस शर्त के साथ एनओसी दी गई थी कि एडीए से नक्शा पास कराने के बाद कोई निर्माण होगा। जमीन को लेकर किसी तरीके का कोई विवाद नहीं होगा, लेकिन पंप संचालक ने शर्तों का उल्लंघन किया। जिस पर एनओसी को रद कर दिया गया था। हालांकि बाद में कुछ कारणों से एनओसी को बहाल भी किया गया। गांधी नगर मोड़ पर संचालित पेट्रोल पंप संचालक संजीव कुमार अग्रवाल द्वारा न्यायालय की शरण में जाने के बाद उच्च न्यायालय में 23 मार्च 2021 को पेट्रोल पंप संचालक को 90 दिन के अंदर लेआउट पास कराने का आदेश दिया था। लेकिन 90 दिन बीतने के बाद लेआउट पास नहीं हुआ।
वहीं एडीए के उपाध्यक्ष राजेन्द्र पैसिया ने भूमि का लैंड यूज बदलने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इससे पेट्रोल पंप संचालक की परेशानियां और बढ़ गयी हैं। अब पेट्रोल पंप पर बंदी की तलवार लटक रही है।