अधिक मूल्य पर स्टाम्प बेंचने वाले वेंडरों को चिन्हित कर की जा रही कार्यवाही।
वेंडरों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार युवकों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जायेगा।
निबन्धन शुल्क को कैशलेस जमा कराये जाने की व्यवस्था को भारतीय स्टेट बैंक से अनुबन्ध कर लागू किया गया।
भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध की जायेगी सख्त कार्यवाही।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन
प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग रवीन्द्र जायसवाल ने आज सर्किट हाउस आगरा में मण्डल के विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने अधिकारियों से कहा कि कार्यालय आने वाले आमजन से विनम्रता पूर्वक वार्ता कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया जाय। किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने एवं वसूली में प्रगति लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लम्बित मुकदमों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि 05 ऐसे निरीक्षणों की आख्या, उन्हें उपलब्ध करायी जाय, जिनमें अधिक कमियॉ पायी गयी है। उन्होंने कहा कि इसकी जॉच उनके द्वारा लखनऊ से टीम भेजकर भी करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि जो स्टाम्प वेंडर अधिक मूल्य पर स्टाम्प बेंच रहें हैं, उन्हें चिन्हित कर कार्यवाही की जा रही है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि स्टाम्प वेंडरों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार युवकों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जायेगा। निर्धारित प्रोफार्मा पर कोई भी युवक ए0डी0एम0 (वि0/रा0) के कार्यालय में आवेदन कर सकता है, आवेदन के एक हप्ते के अन्दर ए0डी0एम0 (वि0/रा0) द्वारा स्टाम्प बेंचने के लिये प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जायेगा एवं अग्रिम कार्यवाही लखनऊ से शीघ्र पूर्ण कर दी जायेगी। उ0प्र0 ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में शत्-प्रतिशत् ई-स्टाम्प निर्गत करने की व्यवस्था लागू कर दी गयी है एवं भौतिक स्टाम्प की छपाई पूर्ण रूप से रोक दी गयी है। इस निर्णय से उ0प्र0 राज्य शत्-प्रतिशत् ई-स्टाम्प जारी करने वाले चुनिन्दा अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। ई-स्टाम्पिंग व्ययवस्था को सुदृढ़ करने एवं सर्वसुलभता से आमजनों को स्टाम्प उपलब्ध कराने हेतु सितम्बर 2020 तक 1050 अधिकृत स्टाम्प विक्रेताओं एवं 409 सार्वजनिक बैंक शाखाओं को प्राधिकृत संग्रह केन्द्र (ए0सी0सी0) नियुक्त किया गया, जिसमें प्रतिदिन बढोत्तरी हो रही है। कोरोना महामारी में यह व्यवस्था अत्यन्त ही उपयोगी साबित हुई है एवं ई-स्टाम्प सर्वसुलभ उपलब्ध होने से लॉकडाउन होने के बावजूद विभागीय राजस्व प्राप्तियाँ उत्साहवर्धक रही हैं। विलेखों के निबन्धन हेतु देय 02 प्रतिशत् निबन्धन शुल्क को घटाकर एक प्रतिशत किया गया एवं निबन्धन शुल्क को कैशलेस जमा कराये जाने की व्यवस्था को भारतीय स्टेट बैंक से अनुबन्ध कर लागू किया गया है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि भारत सरकार के डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम के अंतर्गत ई-स्टाम्पिंग की पेपर आधारित प्रणाली से पूर्णरूपेण डिजिटल स्टाम्प की दिशा में प्रथम कदम के रूप में बैंक ऋण से सम्बन्धित ऑनलाइन निष्पादित लेखपत्रों को डिजिटली स्टाम्पित करने हेतु छंजपवदंस म.ळवअमतदंदबम ैमतअपबमे स्पउपजमक (छम्ैस्)/ैजवबा भ्वसकपदह ब्वतचवतंजपवद वि प्दकपं (ैभ्ब्स्) के सहयोग से कार्य किया जा रहा है। उ0प्र0 राज्य डिजिटल-स्टाम्पिंग प्रारम्भ करने वाला दूसरा राज्य हो गया है। अद्यतन 19 बैंक इस व्यवस्था से इन्टेग्रेड किये जा चुके हैं। विभाग द्वारा प्रदत्त सेवाओं यथा- सम्पत्ति पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, भारमुक्त प्रमाण-पत्र, अप्रयुक्त स्टाम्प शुल्क वापसी के प्रकरण इत्यादि को जनसामान्य को समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रानिकली उपलब्ध कराये जाने हेतु विभागीय पोर्टल को राज्य सरकार के कामन पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल से एकीकृत कर दिया गया है।
इससे विभागीय सेवायें आमजनों को आसानी से उपलबध करायी जा रही हैं। पुराने पंजीकृत विलेखों की इण्डेक्सिंग, स्कैनिंग द डिजिटाइजेशन का कार्य प्रथम चरण में 03 जनपदों बाराबंकी, अम्बेडकरनगर व श्रावस्ती में प्रारम्भ किया गया, जिसके अंतर्गत विगत् 20 वर्षों के सभी विलेखों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
सम्पूर्ण प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू करने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। कोरोना महामारी में विभागीय राजस्व प्राप्तियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्राप्त करने के उद्देश्य से लॉकडाउन के पश्चात् विभाग के कार्यालय दिनांक 16 अप्रैल, 2020 से क्रियाशील किये गये। इसके साथ ही रजिस्ट्री हेतु ऑनलाइन एपाटमेन्ट सिस्टम लागू किया गया। महामारी की अवधि में विभाग द्वारा किये अभिनव तकनीकी प्रयोगों की सहायता से सितम्बर, 2020 तक रू0 5511.96 करोड़ की राजस्व प्राप्ति की गयी, जो कि विगत वर्ष की इस अवधि की प्राप्तियों रू0 800595 करोड़ का 69 प्रतिशत् है।
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